नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण मची तबाही में ना सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य बल्कि देश की आर्थिक स्थिति पर भी खासा असर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
ऐसे में सरकार विपक्ष के निशाने पर है। तो वहीं सरकार की तरफ से मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने सफाई देते हुए कहा है कि आखिर यह गिरावट क्यों हुई? यह अनुमान के मुताबिक ही है, क्योंकि अप्रैल-जून के दौरान लॉकडाउन लगा था।
उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में विकास में तेजी आएगी और भारत की इकोनॉमी में वी शेप रिकवरी होगी। जीडीपी में आई भारी गिरावट के बाद सरकार ने इसके लिए पूरी तरह कोरोना वायरस के कारण लगाए लाॅकडाउन को जिम्मेदार बताया है।
केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि देश में दो महीने तक कठोर लॉकडाउन लागू किया गया था। इसके कारण जीडीपी में इतनी भारी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने आगे कहा कि अब कोर सेक्टर में सुधार हुआ है। बिजली की खपत बढ़ी है, इसके अलावा मालगाड़ी ट्रैफिक में तेजी आई है, ई-वे बिल बढ़ा है। ये ऐसे संकेत हैं जिससे साफ पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है।
बता दें कि जीडीपी में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके पहले अगर जीडीपी नेगेटिव होने बात करें तो यह 1979-80 में हुई थी, जब सालाना जीडीपी में 5.2 फीसदी की गिरावट आई थी।