मध्यप्रदेश के बहुचर्चित घोटाले के मामले में मेंटाना ग्रुप के चेयरमैन श्रीनिवास राजू मेंटाना और अर्नी इंफ्रा के आदित्य त्रिपाठी की गिरफ्तारी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जल्दी ही कुछ बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। ईडी ने भोपाल के रहने वाले आदित्य त्रिपाठी के बारे जानकारी देते हुए कहा कि वह इस घोटाले का फ्रंट फेस है। साथ ही ईडी को आदित्य त्रिपाठी की इस घोटाले से जुडी हुई कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिल रही हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पड़े आयकर विभाग के छापे में आदित्य द्वारा नेताओं के साथ करीब 845 लाख के लेन-देन की जानकारी मिली थी। इसके साथ ही आदित्य द्वारा प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर के खाते में 99.50 लाख रुपए डाले गए थे।
इस मामले पुरे घोटाले के मामले में कमलनाथ सरकार द्वारा एफआईआर जरूर दर्ज करवाई गयी थी, लेकिन जिस कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था उनसे बड़े लेन-देन भी हुए हैं। अश्विनी शर्मा व प्रतीक जोशी के यहां पड़े छापे में से आदित्य का नाम सामने आया था। यहां से आदित्य के नाम से 845 लाख रुपए का लेंन- देन होने की जानकारी मिली थी।
इस छापे के से मिली जानकारी के आधार पर ही चुनाव आयोग ने राज्य के 3 अधिकारीयों के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा की है। ईडी ने आदित्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि उसकी अर्नी इंफ्रा नाम से फर्म है, लेकिन उसने मेंटाना समूह से जल संसाधन विभाग के लगभग 93 करोड़ के काम उपठेके पर लिए थे। साथ ही आदित्य भोपाल में अधिकारी और नेताओं को संभालता था।