Exit Poll Result 2024: आज, बुधवार को महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान हो रहा है। महाराष्ट्र में एक ही चरण में राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, जबकि झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को हो चुका था और दूसरा चरण आज, महाराष्ट्र के साथ ही हो रहा है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की 9 और उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है। केरल के वायनाड संसदीय सीट पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब, मतदान के बाद 23 नवंबर को परिणाम घोषित होंगे, लेकिन उससे पहले आज शाम एग्जिट पोल के आंकड़े आएंगे, जिनमें विभिन्न न्यूज चैनल यह अनुमान लगाएंगे कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं।
महायुति और MVA के बीच कड़ी टक्कर
महाराष्ट्र में इस बार महायुति (बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) और महाविकास आघाडी (MVA) के बीच कांटे की टक्कर है। महायुति सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है, जबकि MVA ने मजबूत वापसी की उम्मीद जताई है।
महायुति: बीजेपी ने 149 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
MVA: कांग्रेस ने 101, शिवसेना (यूबीटी) ने 95 और एनसीपी (शरद पवार) ने 86 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इसके अलावा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और एआईएमआईएम जैसी छोटी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं।
चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई प्रमुख नेता राज्य का दौरा कर चुके हैं। महायुति सत्ता में बने रहने के लिए महिलाओं के लिए अपनी प्रमुख योजनाओं, जैसे “माझी लाडकी बहिन” का प्रचार कर रही है।
झारखंड चुनाव: सोरेन के नेतृत्व में सत्ता पर बनी रहेगी पकड़ या बदलाव होगा?
झारखंड में इंडिया गठबंधन (JMM और उसके सहयोगी) और एनडीए (बीजेपी) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।
इंडिया गठबंधन: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व में गठबंधन अपनी कल्याणकारी योजनाओं और आदिवासी अधिकारों को लेकर चुनावी मैदान में है, और सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
एनडीए: बीजेपी ने इस बार हिंदुत्व, बांग्लादेशी घुसपैठ और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाकर अपना चुनाव प्रचार तेज किया है।
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं, जिनमें से पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को हुआ था, और दूसरे चरण के लिए मतदान आज हो रहा है। अगर Hemant Soren अपनी सरकार में वापसी करते हैं तो वे इतिहास रचेंगे, क्योंकि पिछले 24 सालों में राज्य में ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं रहा जो लगातार सत्ता में लौटे। दूसरी तरफ, अगर सोरेन हारते हैं, तो झारखंड की परंपरा कायम रहेगी, जहां हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन होता रहा है।
महाराष्ट्र और झारखंड में आज होने वाले मतदान के बाद, जनता का फैसला कुछ दिनों में साफ होगा। इस समय दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ दलों के लिए यह चुनावी लड़ाई अपने राजनीतिक भविष्य को तय करने वाली हो सकती है। एग्जिट पोल की आने वाली जानकारी भी राजनीतिक हलकों में जबरदस्त उत्सुकता पैदा कर रही है, लेकिन असली तस्वीर 23 नवंबर को स्पष्ट होगी।