सिडनी टेस्ट में भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपनी साहसिकता और खेल भावना से सभी का दिल जीता। मैदान पर चोटों के बावजूद उनका हौसला बरकरार रहा, और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को संकट से उबारने की पूरी कोशिश की। पंत ने यह साबित किया कि खेल के मैदान पर सिर्फ कौशल ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती भी जरूरी होती है।
RISHABH PANT SMASHED THE FIRST SIX OF 2025 FOR INDIA. 🥶🇮🇳pic.twitter.com/ZyWrt116el
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 3, 2025
चोटों का सामना करते हुए भी पंत का न डिगने वाला हौसला
पंत ने दूसरे सत्र के दौरान कई बार चोट खाई, जिसमें मिचेल स्टार्क की तेज गेंदों पर उन्हें कड़ी चोटें आईं। उनके शरीर पर कई जगह चोटें आईं, और एक बार तो फीजियो को मैदान पर आना पड़ा। इसके बावजूद, पंत ने मैदान छोड़ने का नाम नहीं लिया। उनके जज्बे और समर्पण को देखकर यह साफ था कि वे टीम इंडिया को मुश्किल में नहीं छोड़ने वाले थे।
चोट खाकर भी पंत का छक्का, दर्शकों का रोमांच बढ़ा
चोट खाने के बावजूद ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में भारतीय पारी का पहला छक्का जड़ा। यह छक्का 2025 में भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला छक्का भी साबित हुआ। पंत ने यह सिक्स ऑस्ट्रेलिया के नए डेब्यू खिलाड़ी ब्यू वेब्स्टर की गेंद पर मारा। इस छक्के के बाद गेंद को लाने के लिए सीढ़ियों का सहारा लिया गया, जो दर्शकों के लिए एक रोमांचक दृश्य बन गया और स्टेडियम में गूंज उठी।
पंत की 40 रन की संघर्षपूर्ण पारी
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में कुल 98 गेंदों पर 40 रन की पारी खेली, जिसमें एक छक्का और तीन चौके शामिल थे। हालांकि वह अपनी पारी को बड़ा नहीं बना सके, लेकिन उन्होंने जडेजा के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 50 के करीब रन की साझेदारी की। यह साझेदारी टीम के लिए महत्वपूर्ण थी और पंत ने अपनी बल्लेबाजी से यह साबित किया कि वह सिर्फ एक विकेटकीपर नहीं, बल्कि एक ठोस बल्लेबाज भी हैं।