देश की असली उन्नति और आर्थिक विकास के लिए कृषि, किसान और कृषि क्षेत्रों का विकास अत्यावश्यक है। कृषि समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सशक्त माध्यम है साथ ही बढ़ती आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने में भी सर्वाधिक सहायक है। भाजपा ने अपनी भरोसेमंद किसान नीतियों के माध्यम से किसानों के सम्मान को सुनिश्चित और उन में विश्वास को बढ़ाने का कार्य किया है। जड़ों से कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान और परिश्रमी व अनुभवी किसानों के उत्थान के भी निरंतर प्रयास किए हैं। जबकि कांग्रेस की किसान विरोधी भ्रष्ट नीतियों से कृषि क्षेत्रों की समस्याएं बढ़ती रही और विकराल रूप ले गई हैं।
यही कारण है कि आजादी के बाद से लगातार कांग्रेस के शासन में कृषि क्षेत्र की उपेक्षा बनी रहे और प्रदेश सहित पूरे देश में कृषि व्यवस्थाएं चौपट होती रही। होना यह चाहिए था कि औद्योगिक विकास और कृषि विकास के बीच में संतुलन बनाया जाता और हुआ क्या किसानों की हालत जर्जर होती गई है, गांव उपेक्षा का शिकार बने रहे और अभावग्रस्त होते चले गए, ग्रामीण रोजगार में लगातार गिरावट आई, ग्रामोद्योग का सम्यक विकास ना होने से बहुत बड़ी संख्या में गांव से पलायन हुआ और असंतुलित शहरी शहरीकरण का कारण बना। गांव से पलायन और कॉल बेरोजगारी के कारण किसानों को एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करना पड़ा जिसका प्रभाव उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर भी आया यह कांग्रेस की विकास विरोधी और सामाजिक वाह बुनियादी आवश्यकता पूर्ति करने वाले कृषि क्षेत्र की सही समझ ना हो पाने के कारण और प्रदेश और राज्य स्तर पर गलत नीतियों के दुष्परिणाम भोगने के लिए किसानों को विवश होना पड़ा ।
किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने लगातार कृषि क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 2002-3 की कृषि विकास दर 03℅ को बढ़ाकर 18.89 तक पहुंचाने में सफलता पाई है। कांग्रेश के राज्य में प्रदेश बीमारू माना जाने लगा था जबकि भाजपा सरकार ने प्रदेश की 1.35 करोड़ आबादी को गरीबी से बाहर लाने में सफलता प्राप्त की है। कांग्रेश हमेशा झूठे वादे करती रही किसानों को ठगने और झूठे आश्वासनों की नीतियों के कारण से किसानों के साथ किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, कांग्रेस ने वादा किया था कि किसानों के 5 हॉर्स पावर पंप का बिल माफ करेंगे जिसे पूरा नहीं किया गया जबकि भाजपा की सरकार ने 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप योजना में किसानों को 115 करोड़ रुपए का अनुदान उपलब्ध कराया है । मध्यप्रदेश में 5 हॉर्स पावर की कृषि उपभोक्ताओं को 51,022 रुपए के बिल के स्थान पर केवल 3,750 रुपए का ही बिल दिया जा रहा है।
आज 93% सब्सिडी कृषि उपभोक्ताओं को मिल रही है। 32 लाख 76 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ता विभिन्न योजनाओं से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अटल ज्योति योजना के तहत 10 हॉर्स पावर के विद्युत कनेक्शन वाले प्रत्येक उपभोक्ता को ₹1,15,000 की खपत पर केवल ₹7500 का शुल्क लिया जाता है । अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के एक हेक्टेयर तक भूमि वाले 5 हॉर्स पावर भार वाले लगभग 9,60,000 से भी अधिक किसानों को प्रति वर्ष 4,800 करोड़ की बिजली सब्सिडी मिल रही है इसी प्रकार सरकार ने 3 वर्षों में किसानों की खेती के लिए बिजली कनेक्शन में ₹45,150 का अनुदान देने का काम किया है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों का कर्जा माफ करने के लिए कटिबद्ध है प्रदेश में कृषक ब्याज माफी योजना 2023 में शुरू की गई प्रदेश के 11 लाख से भी अधिक डिफाल्टर किसानों का 2123 करोड रुपए का कर्जा माफ हुआ है । विगत 3 वर्षों में 47,100 करोड़ रुपए से भी अधिक के कृषि ऋण शून्य ब्याज दर पर दिए हैं।
उल्लेखनीय बात तो यह भी रही कि कमलनाथ के कांग्रेसी सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह ने भी कमलनाथ के द्वारा किसानों को ठगने की बात स्वीकारी थी, कर्ज माफी के झूठे वादे से परेशान किसानों से सामूहिक आत्मदाह तक की बात कहकर सरकार का विरोध किया था और इसी झूठे वादे के चलते कमलनाथ की सरकार से बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायकों का मोह भंग हुआ और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। साल 2018 में कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि कि किसानों के मुकदमे वापस किए जाएंगे लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं किया। हम राजस्थान में देख रहे हैं कि किसानों के द्वारा कर्ज नहीं चुकाए जाने पर उनकी जमीनों की नीलामी की जा रही है, क्या यही कांग्रेस की नीति है? क्या कांग्रेस किसानों का इस प्रकार से उत्थान करना चाहती है।
जब केंद्र की सरकार ने किसानों के पक्ष में नीति बनाकर किसानों को और अधिक स्वायत्तता प्रदान करने का प्रयास किया तब इस किसान विरोधी आंदोलन को हवा देकर कांग्रेस ने एक अच्छी एक अच्छी नीति को नष्ट करने का काम किया है।
मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 7 सूत्रीय रणनीति तैयार की है यह देश के कल्याण के लिए आदर्श है जिसमें 1. संकट के समय किसानों की सहायता करना 2. खेती के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना 3. कृषि की उत्पादन लागत को कम करना4. खेती का उत्पादन बढ़ाना 5. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना 6.किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को संगठित और सफल बनाना है और 7. खेती के विविधीकरण और कृषि निर्यात और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों की बेहतरी के लिए समर्पित हो संकल्पित है। सरकार सिर्फ अन्नदाता की बेहतरी का नारा नहीं देती है बल्कि उसकी आमदनी को दोगुना करने के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं व कृषि अधोसंरचना विकास के माध्यम से इस दिशा में कार्य कर रही है।
कांग्रेस ने किसानों को एक बार फिर पांच वचन दिए यह वचन नहीं पुनः ठगी का प्रवचन है, इन झूठे वचनों से 2018 के चुनाव में समर में प्रदेश के किसान ठगे गए थे, अब वह भली-भांति इससे परिचित हैं। केंद्र सरकार के द्वारा भी पीएम किसान निधि किसानों के लिए बहुत कारगर साबित हो रही है। इसके तहत आज प्रधानमंत्री मोदी ने 17,000 करोड रुपए की चौथी किस्त की राशि 8.5 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को डीबीटी के जरिए ट्रांसफर की है। भाजपा की केंद्र सरकार ने यूरिया गोल्ड जो सल्फर कोटेड है की एक योजना शुरू की है जिससे मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होती है और वास्तविक समस्या का समाधान होता है, इसी प्रकार डिजिटल वाणिज्य के ओपन नेटवर्क पर 1500 किसान उत्पादक संगठनों को शामिल किए जाने का शुभारंभ किया गया है।
यह कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए बहुत बड़े कदम साबित हो रहे हैं। हाल ही में राजस्थान में यशस्वी प्रधानमंत्री ने सवा लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र समर्पित किए हैं, जो साल के अंत तक 1,75,000 केंद्र बन जाएंगे जिसमें किसानों की जरूरत जरूरतों के लिए एक ही स्थान पर समाधान देने का विकासात्मक कार्य किया जाएगा इन केंद्रों पर उर्वरक, बीज, उपकरण और मिट्टी से लेकर परीक्षण संबंधी सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगे। मैं किसान परिवार से हूं, किसानी करता रहा हूं हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री भी किसान पुत्र हैं कृषि और किसानों की समस्याओं से बहुत जमीनी तौर पर जुड़े रहे हैं और पूरी संवेदनशीलता के साथ इनके समाधान के लिए प्रयासरत और कटिबद्ध रहे हैं उसी का परिणाम है कि किसानों के बीच में भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है और गांव और किसानों की स्थितियों में लगातार सुधार आ रहा है विश्वास है कि अब किसान कांग्रेस के झूठे वादों और नए आश्वासनों के चक्कर में ना पढ़कर केंद्र और राज्य सरकारों की विकास योजनाओं का लाभ लेकर उन्नत ग्राम, समृद्ध किसान और स्वाबलंबी कृषि की अवधारणा को स्थापित करेंगे।
लेखक मध्य प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं