80 प्रतिशत लोगों में मिर्गी से संबंधित कारण सामने नहीं मिलते, आग, हाइट और अन्य चीजों के डर से भी व्यक्ति को इसके दौरे आ सकते हैं – डॉक्टर अंकित गुप्ता बॉम्बे हॉस्पिटल

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इंदौर. हमारा ब्रेन इलेक्ट्रिक फील्ड पर कार्य करता है, जो भी इंफॉर्मेशन होती है, वह इलेक्ट्रिक इंपल्स के फॉर्म में जाती है, आम बोलचाल की भाषा में अगर इसे समझा जाए तो जब वह ज्यादा हो जाती है, तो वह स्पार्क होने लग जाती है। जिससे वह ब्रेन में स्पार्क पैदा करती है, और मिर्गी झटके आने लग जाते हैं। मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, कि इसके झटके सामान्य व्यक्ति को भी लाइफ में एक बार आ सकते है, अगर किसी व्यक्ति को हाईट पर जाने से डर लगता है, और बार बार वह खुद को टास्क देता है, फिर भी वह डर खत्म नही होता है, तो ऐसे व्यक्ति को हाईट पर मिर्गी का दौरा आने के चांस बन जाते है। अगर आपको आग, पानी इन सब से डर है, और यह लंबे समय से है तो इसका खयाल रखे। हालांकि ऐसे भी कई मरीज होते हैं, जिन्हें मिर्गी का दौरा एक बार आने के बाद दोबारा नही आता है। यह बात डॉक्टर अंकित गुप्ता ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित बॉम्बे हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं

सवाल.हमारा ब्रेन किस तरह कार्य करता है, मिर्गी से संबंधित झटके किन चीजों के चलते सामने आते हैं

जवाब. मिर्गी एक ऐसी समस्या है जिसके झटके सामान्य व्यक्ति को भी आ सकते है।80 प्रतिशत लोगों में ब्रेन में मिर्गी के कारण सामने नहीं मिलते है, वहीं 20 प्रतिशत लोगों में ब्रेन ट्यूमर, इन्फेक्शन, किसी चोट के बाद और अन्य कारणों से मिर्गी के दौरे पड़ सकते है। इसके मरीज को लंबे समय तक उपवास, सीधे किसी चीज के प्रकाश में जाना, कम सोना, ज्यादा साउंड, ऊंचाई, स्ट्रेस, और अन्य चीजों पर ध्यान देना चाहिए। ट्यूमर के केस पहले के मुकाबले बढ़ रहे है, यह कहना सही नहीं है, क्योंकि आज के दौर में चेकअप से पता जल्दी चल जाता है, ट्यूमर ज्यादातर रेडिएशन की वजह से होता है, वहीं इसका एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है।

सवाल. रीड की हड्डियों से संबंधित समस्या किन कारणों से सामने आती है इसके लिए मेन कारण क्या हमारा इरेक्ट पोश्चर है

जवाब. इंसान के शरीर की बनावट इरेक्ट पोस्चर में है, हम दो पैर पर खड़े है, इससे स्पाइन पर ज्यादा लोड़ पड़ता है, सिर से लेकर पैर तक बॉडी का वजन सेंटर ऑफ ग्रेविटी स्पाइन से होकर जाता है, आज के दौर में ज्यादातर स्लिप डिस्क, लंबर कैनाल स्टेनोसिस और अन्य समस्या देखने को मिलती है, वहीं यंग जेनरेशन में कंप्यूटर पर एक ही पोजिशन में काम करने से गर्दन और स्पाइन की समस्या सामने आने लगी है, स्पाइन में सबसे कॉमन समस्या एज की वजह से आती है, जिसमें कमर दर्द, चलने फिरने से हाथ पैर में सूजन और अन्य शामिल है।अगर बात चार पैर वाले जानवर की करी जाए तो, उनकी रीढ़ की हड्डी पर इतना प्रभाव नहीं पढ़ता है। उनका पूरा सपोर्ट पैरो पर होता है, जिससे रीढ़ पर इतना दबाव नही पढ़ता है। स्पाइन की समस्या से बचाव के लिए ज्यादातर खड़े या बैठे ना रहे, स्पाइन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करे, आधा झुककर वजन उठाना और अन्य चीजों को अवॉइड करें।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से की है। इसके बाद मैने चंडीगढ़ से न्यूरोसर्जरी में एमसीएच किया। इसी के साथ एंडोस्कोपी में फेलोशिप ताइवान और स्पाइन सर्जरी में फेलोशिप यूके से की है। मैने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद देश के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है। जिसमें चिरायु मेडीकल कॉलेज भोपाल, चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर, नैरोबी हॉस्पिटल और अन्य हॉस्पिटल शामिल है। वही वर्तमान में शहर के प्रतिष्ठित बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।