EPFO 3.0 Update: EPF कंट्रीब्यूशन में सरकार सब्सक्राइबर्स को देगी ये विकल्प! जल्द ही ATM से निकाल सकेंगे प्रॉविडेंट फंड!

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EPFO 3.0 Update: देशभर के प्राइवेट सेक्टर यानी संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। केंद्र सरकार EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) में कई बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है, जिनसे लाखों कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। यह बदलाव EPFO 3.0 के रूप में सामने आ सकते हैं, जिनकी घोषणा मई-जून 2025 में हो सकती है। इस बदलाव के जरिए सरकार कर्मचारियों के लिए कई नई सुविधाएं और विकल्प देने पर विचार कर रही है।

12% से ज्यादा योगदान का विकल्प:

अब तक, कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का केवल 12 फीसदी हिस्सा ही ईपीएफ (Provident Fund) में योगदान करते थे। लेकिन EPFO 3.0 के तहत इस सीमा को खत्म किया जा सकता है। इसका मतलब यह होगा कि कर्मचारी अपनी कमाई के हिसाब से अपनी सुविधा के अनुसार ज्यादा पैसा EPF में निवेश कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अधिक पेंशन मिलने की संभावना होगी, क्योंकि ज्यादा निवेश करने से रिटायरमेंट फंड में अधिक रकम जमा होगी।

पीएफ में योगदान के लिए नया लचीलापन:

EPFO 3.0 में एक और बड़ा बदलाव यह हो सकता है कि कर्मचारी अब अपनी आय की क्षमता के अनुसार अपनी पसंद से पीएफ में योगदान कर सकेंगे। यह विकल्प कर्मचारियों को ज्यादा विकल्प देगा, जिससे वे अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से अधिक राशि बचत के तौर पर जमा कर सकेंगे।

स्मार्ट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसी सुविधा:

ईपीएफओ खाताधारकों के लिए सरकार एक नई सुविधा देने पर विचार कर रही है, जिसके तहत उन्हें पीएफ खाते से जुड़ा हुआ स्मार्ट कार्ड या डेबिट कार्ड जैसा कार्ड जारी किया जा सकता है। इसके माध्यम से कर्मचारी अपने पीएफ खाते से सीधे लेन-देन कर सकेंगे। हालांकि, इस कार्ड से निकासी की सीमा तय की जा सकती है, जैसे कि खाते की कुल राशि का 50 फीसदी तक निकाला जा सकेगा।

आसान लेनदेन के लिए IT सिस्टम में सुधार:

कर्मचारियों के लिए लेन-देन की प्रक्रिया को और भी आसान बनाने के लिए EPFO के IT सिस्टम में भी सुधार किया जाएगा। यह सुधार दो चरणों में किए जाएंगे। पहला चरण दिसंबर 2024 तक पूरा हो सकता है, जबकि EPFO 3.0 का दूसरा और महत्वपूर्ण चरण मई-जून 2025 में पूरा होने की संभावना है।

कमपनी के योगदान में कोई बदलाव नहीं:

हालांकि कर्मचारियों के योगदान की सीमा बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कंपनियों के योगदान में कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनियां अभी भी अपनी हिस्सेदारी के हिसाब से 12 फीसदी का योगदान करती रहेंगी।

EPFO 3.0 के फायदे:

इस बदलाव से कर्मचारी अपनी जमा पूंजी में वृद्धि कर सकेंगे, जिससे उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा। इससे पेंशन की राशि भी बढ़ सकती है, और कर्मचारियों को भविष्य में बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिल सकती है। साथ ही, डिजिटल लेन-देन की सुविधाओं से कर्मचारियों के लिए अपनी बचत को आसान तरीके से मैनेज करना संभव होगा।

अंतिम तारीख:

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले EPFO 3.0 अपडेट्स के लिए दिसंबर 2024 से पहले पहला चरण और मई-जून 2025 में दूसरा चरण लागू हो सकता है।