पर्यावरण संरक्षण और नदी, तालाबों, कुंओं, को बचाना समय की सबसे बड़ी जरूरत – डॉ.अफरोज अहमद

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इंदौर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने आज यहां आयोजित बैठक में इंदौर में पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता की सुधार की दिशा में हो रहे कार्यों की मुक्त कण्ठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि इस दिशा में इंदौर में हो रहे नवाचार और कार्यों से यह शहर पूरे देश में एक बेहतर मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है। इस शहर के कार्यों का अनुकरण देश के अन्य शहरों को भी करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण का संरक्षण और नदी, तालाबों, कुंओं, बावड़ियों आदि को बचाना समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल संरचनाएं हमारी अनमोल धरोहर है।

कलेक्टर कार्यालय में संपन्न हुई इस बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह, जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में डॉ. अफरोज अहमद ने इंदौर जिले की पर्यावरण योजना और इस योजना के तहत किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि योजना के अनुसार इंदौर में बेहतर कार्य हो रहे हैं। यह देखकर खुशी हो रही है कि इन कार्यों के बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं।

इंदौर एयर क्वालिटी इंडेक्स में देश में अव्वल है। साथ ही यह शहर प्लास्टिक क्रेडिट और कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में भी देश में अव्वल बनने जा रहा है। उन्होंने इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिये इंदौर में मनाये गये नो कार डे को भी सराहनीय बताया और कहा कि ऐसे प्रयासों से अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन्होंने इंदौर में लोक सेवा परिवहन को बढ़ावा देने की बात पर जोर दिया। उन्होंने इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों, कुंओं, बावड़ियों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाये।

गंदे पानी के निष्पादन के लिये एसटीपी बनाये जाये। अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी औद्योगिक इकाईयां जो रासायनिक एवं अन्य जहरीला पानी छोड़ते हैं, उन पर विशेष निगरानी रखी जाये। ऐसी इकाईयों की बैठक लेकर उन्हें नियम कायदों से अवगत कराया जाये। उनकी इकाईयों में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये, जिससे कि जहरीला और रासायनिक पानी वहीं ट्रीट हो जाये। उन्होंने कहा कि इंदौर में नई कालोनियों और आवासीय क्षेत्रों में न्यूनतम 14 प्रतिशत हरित क्षेत्र के नियम का पालन सुनिश्चित कराया जाये। ग्रीन बेल्ट और गार्डनों में किसी भी तरह का अवैध कब्जा नहीं होने दें। यह तय करें कि इन क्षेत्रों में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो और यहां सिर्फ हरियाली ही रहे।