भारत के इन मंदिरों में बैन हैं पुरुषों की एंट्री, सिर्फ महिलाएं करती पूजा

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भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी मान्यता कई ज्यादा होती है। भक्त मंदिरो में जाते हैं और ईश्वर से अपनी मनोकामना को पूरी करने की मन्नतें मांगते हैं। साथ ही पूजा अर्चना कर भगवन को मनाते है। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर या धार्मिक स्थल हैं, जहां महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं होती लेकिन ये आपको शायद ही पता होगा कि देश में ऐसे भी कई मंदिर हैं जहां पुरुषों को मंदिर में नहीं जाने देते है। वहीं कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां किसी खास समय पर पुरुष पूजा नहीं कर सकते। आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में।

संतोषी माता मंदिर, जोधपुर: इस मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरुषों को मंदिर में नहीं जाने देते है। अगर पुरुष बाकी दिनों में मंदिर जा रहे हैं, तो सिर्फ मंदिर के दरवाजे पर खड़े होकर माता के दर्शन कर सकते हैं। शुक्रवार का दिन मां संतोषी का दिन होता है और इस खास दिन पर महिलाएं व्रत रखती हैं।

कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी: यह मंदिर असम के गुवाहाटी में है। माता के सभी शक्तिपीठों में से कामाख्या शक्तिपीठ का स्थान सबसे ऊपर है। माता के माहवारी के दिनों में यहां उत्सव मनाया जाता है और इन दिनों मंदिर में पुरुषों को बिलकुल भी नहीं जाने दिया जाता है। इस दौरान यहां की पुजारी भी एक महिला होती है।

चक्कुलाथुकावु मंदिर, केरल: इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मंदिर में हर साल पोंगल के दिन नारी पूजा की जाती है। यह 10 दिनों तक चलता है और इस मंदिर में पुरुषों को नहीं जाने दिया जाता है।

ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान: यह मंदिर पुष्कर में स्थित है। पूरे भारत में सिर्फ यही भगवान ब्रह्मा का हैं। इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में बनाया गया था, जहां शादीशुदा नहीं आ सकते है। ऐसा माना जाता है कि देवी सरस्वती के श्राप की वजह से यहां कोई भी शादीशुदा पुरुष नहीं जा सकता।