तीखी तेज होने के बावजूद लोग भाटा कचौरी का स्वाद नहीं भूलते, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स की पहली पसंद बनी तो नाम रखा इंजीनियर कचौरी

Shivani Rathore
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इंदौर : अपने स्वाद और खान पान के चटखारेदार व्यंजन शहर को अलग बनाते हैं। यहां हर व्यंजन को बनाने की अपनी रेसीपी और अपना नाम है। अगर शहर में कचोरियों के शौकीन की बात करी जाए तो यह फेहरिस्त कभी खत्म नहीं होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए, खान पान के यह ठीया संचालक भी एक से बढ़कर एक लजीज आइटम शहर में परसोते हैं। अगर बात शहर की इंजीनियरिंग कचोरी, और भाटा कचोरी की करी जाए तो इनके खाने वालों का तांता हमेशा दुकानों पर लगा रहता है।

इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स की पहली पसंद बनी कचोरी, इंजीनियर कचोरी रख दिया नाम
शहर के लैंटर्न चौराहे पर एसजीएसआईटीएस कॉलेज के पास कचोरी खाने वालों का तांता लगा रहता है, इसमें ज्यादा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की भीड़ जमा रहती है। यहां आलू की कचौरी को नए अंदाज में हरी चटनी और तली मिर्च के साथ सर्व किया जाता है। दुकान संचालक महमूद खान बताते हैं कि कई सालों से यहां दुकान चला रहा हुए, दुकान के नाम के पीछे का कारण बताते हुए कहते हैं कि दुकान पर ज्यादातर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स आते हैं और कचौरियों का लुत्फ उठाते हैं, इसलिए इसका नाम इंजीनियर कचौरी पड़ गया। वह बताते हैं कि कई लोग बाहर से इस कचोरी का जायका चखने आते हैं।

अपने तीखे और चटपटे स्वाद के साथ भाटा कचोरी है लोगों की जुबान पर पहला नाम
शहर में कचोरियों की चाह रखने वालों के लिए, शहर की खास दुकानों पर मिलने वाली झन्नाट कचौरियां उसल के साथ सर्व की जाती हैं। ये काफी तीखी होती है। कई ग्राहकों को तो एक कचौरी खाने में भी पसीना आ जाता है। इस कचोरी को तैयार करने में मसाले में अजवाइन, हरी मिर्च, मटर, हींग, काली मिर्च, लौंग, और लाल मिर्च मिलाकर बनाई जाती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है इसका कड़क मसाला। जिसके चलते ही इसका नाम भाटा कचौरी पड़ा। यह शहर की कई दुकानों पर मिलती है। इसे खाने वालों की एक अच्छी डिमांड दुकानों पर बनी रहती है।