गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति, उपभोक्ता संतुष्टि, राजस्व लक्ष्यापूर्ति ही ऊर्जा विभाग की प्राथमिकता- प्रमुख सचिव संजय दुबे

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इंदौर। सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति, उपभोक्ता संतुष्टि, राजस्व के लक्ष्य की समय पर पूर्णता, पारदर्शिता और एनर्जी आडिट विभाग की प्राथमिकता है। ऊर्जा विभाग के लाईनमैन से लेकर मुख्य अभियंता तक अपनी जिम्मेदारी समझे और सकारात्मक परिणाम लाएं।

मप्र ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने यह आह्वान किया। वे सोमवार को इंदौर के पोलोग्राउंड पर आयोजित मंथन कार्यक्रम में भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़कर संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव दुबे ने इंदौर शहर की टीम को वर्ष 22-23 में अच्छे कार्य के लिए बधाई दी और इस प्रतिस्पर्धी युग में उत्तरोत्तर कार्य सुधार की आवश्यकता जताई। 90 इंजीनियरों के महत्वपूर्ण आयोजन मंथन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ऊर्जा सचिव एवं बिजली कंपनी के पदेन चेयरमैन रघुराज एमआर ने कहा कि आरडीएसएस के कार्य की माहवार प्रगति रिपोर्ट मिले, आरडीएसएस से तकनीकी लॉस भी व्यापक रूप से घटेगा। उन्होंने मालवा –निमाड़ में 90 से उपर बिलिंग एफिशिएंसी और कलेक्शन एफिशिएंसी 100 प्रतिशत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी माह से प्रारंभ वित्तीय वर्ष में औसत एक हजार करोड़ रूपए माह का राजस्व संग्रहण पश्चिम क्षेत्र कंपनी के अधीन अनिवार्यतः होना चाहिए। उन्होंने मानसून के पहले आबादी क्षेत्रों के एवं आगामी चार माह में रबी सीजन के सभी जरूरी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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एमडी तोमर ने दिया प्रजेंटेशन

मंथन के आयोजन में पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के एमडी अमित तोमर ने आरडीएसएस, स्पेक माड्यूल, मैंटेनेंस कार्य, पीएम गति शक्ति के कार्यों का प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान बताया गया कि सवा नौ सौ करोड़ से आरडीएसएस का कार्य कराया जा रहा है। कुल 96 ग्रिड तैयार होंगे, केबलीकरण, 11 व 33 केवी की नई लाइन, ट्रांसफार्मरों आदि के कार्य होंगे। आयोजन में ऊर्जा विभाग के अधिकारी नीरज अग्रवाल, शैलेंद्र सक्सैना, प्रभाकर जोशी, वीके भारद्वाज, बिजली वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, कार्यपालक निदेशक श्री मनोज झंवर, संजय मोहासे, गजरा मेहता, मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, पुनीत दुबे, बीएल चौहान,  एसआर बमनके, इंदौर शहर अधीक्षण यंत्री श्री मनोज शर्मा, ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डॉ. डीएन शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।