टेस्ला से निकाले गए कर्मचारियों ने किया कम्पनी पर मुकदमा, बिना नोटिस निकाले जाने का लगाया आरोप

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टेस्ला कम्पनी के पूर्व कर्मचारियों ने कंपनी के विरुध्द अदालत में मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि कंपनी का इस तरह से बिना नोटिस पीरियड के इतने अधिक कर्मचारियों को निकालने का फैसला श्रम कानून का उल्लंघन है क्योंकि कर्मचारियों को इसकी पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। कम्पनी के विरुद्ध यह मुकदमा जॉन लिंच और डेक्स्टन हार्ट्सफील्ज नामक पूर्व कर्मचारियों द्वारा किया गया है, जिन्हें 10 व 15 जून को नौकरी से बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया था। मुकदमें के अंतर्गत अब वे कंपनी से 60 दिन के नोटिस पीरियड के बदले भुगतान और बेनेफिट्स मांग रहे हैं। उनका दावा है कि उन्हें टेस्ला कंपनी की गीगा फैक्ट्री से निकाला गया है।

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नहीं दिया 60 दिन का नोटिस, 500 से अधिक कर्मचारियों की गई नौकरी

पूर्व कर्मचारियों के द्वारा टेस्ला कम्पनी के विरुद्ध दर्ज किए गए मुकदमे में दावा किया गया है कि टेस्ला कम्पनी की नेवाडा स्थित गीगा फैक्ट्री से 500 कर्मचारियों को निकाला गया है. मुकदमा दर्ज कराने वाले जॉन लिंच और डेक्स्टन हार्ट्सफील्ज नामक पूर्व कर्मचारियों ने कहा है कि कंपनी ने वर्कर एडजस्टमेंट ऐंड रिटेर्निंग नोटिफिकेशन एक्ट के अंतर्गत कर्मचारियों को 60 दिन का नोटिस न देकर कानून का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा वे, मई और जून में बगैर किसी पूर्व सूचना के कंपनी से निकाल दिए गए सभी 500 टेस्ला कर्मचारियों के लिए न्याय मांग रहे हैं जिन्हें मुकदमे के अनुसार, टेस्ला ने उक्त कर्मचारियों को सीधे यह बताया कि उनकी सेवाएं तुरंत समाप्त की जाती हैं।

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टेस्ला कम्पनी की ओर से नहीं मिला कोई आधिकारिक जवाब

टेस्ला कम्पनी ने पूर्व कर्मचारियों के इन आरोपों पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि कम्पनी की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुज़र रही है और उन्हें करीब 10 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालना होगा। कर्मचारियों की अटॉर्नी शैनन लिसरियोर्डन ने बताया की यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कम्पनी अपने कर्मचारियों को इस प्रकार बिना किसी नोटिस के निकाल दे रही है यह सरासर कानून का उलंघन है।