नए साल में मध्यप्रदेश वासियों को लग सकता है बिजली का बड़ा झटका। कुछ सूत्रों के मुताबिक नए वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से प्रदेशवासियों को बिजली करीब 4 फीसदी महंगी मिल सकती है। राज्य की बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ रुपये की भरपाई करने के लिए बिजली दरें बढ़ाने की अनुमति आयोग से मांगी है। हालाँकि कहा जा रहा है कि अगले साल देश में लोकसभा चुनावों को देखते हुए बिजली दरों में सामान्य वृद्धि की जा सकती है।
मध्य प्रदेश नियामक आयोग ने मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की सौंपी टैरिफ पिटीशन स्वीकार कर ली है। इन सभी मामलों पर आयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टैरिफ पर दावे-आपत्तियां बुलाकर 29 जनवरी को जबलपुर, 30 जनवरी को भोपाल और 31 जनवरी को इंदौर में जनसुनवाई करेगा। इस कॉन्फ्रेंसिंग के बाद ही बिजली दर बढ़ाने का फैसला लिया जायेगा।
इससे पहले बिजली कंपनियों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बिजली 3.20 फीसदी महंगी करने को कहा था, मगर आयोग ने केवल 1.65 महंगी करने की अनुमति दी थी। आयोग की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, बिजली कंपनियों ने पिटीशन में बताया कि उन्हें बिजली कंपनियां चलाने के लिए 55 हजार 72 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। जबकि बिजली से 53 हजार 26 करोड़ रुपये राजस्व का अनुमान है। ऐसे में 2,046 करोड़ के अंतर की भरपाई के लिए दरों में वृद्धि किया जाना है।