प्रदेश की 28 में से 9 विधानसभा सीटों में दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। इन सीटों में दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने दलबदलुओं पर भरोसा किया है। अर्थात दोनो ओर से दलबदलू आमने-सामने हैं। साफ है मतदाताओं के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं। उन्हें इन्हीं में से किसी एक को चुनना है। हालांकि मतदाताओं के पास बसपा का भी विकल्प है लेकिन उसके जीत की संभावना न के बराबर है। ऐसे में नतीजा किसी के भी पक्ष में जाए, जीत का ताज किसी दलबदलू के सिर ही सजेगा। दलबदलुओं को लेकर भाजपा और कांग्रेस के अपने-अपने तर्क हैं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के बागी मंत्री और विधायकी त्याग कर पार्टी में आए हैं, जबकि आज के जमाने में कोई सरपंच तक का पद नहीं छोड़ता। इसलिए टिकट पर उनका हक पहला है। दूसरी तरफ कांग्रेस का तर्क है कि पार्टी में आने वाले नि:स्वार्थ भाव से आए हैं। उन्हें मालूम है कि कांग्रेस सत्ता में नहीं है। इसलिए ये जीतेंगे और कांग्रेस के गद्दारों को जनता सबक सिखाएगी।
भाजपा, कांग्रेस, बसपा के दलबदलू मैदान में
- जिन 9 सीटों में जीत का सेहरा सिर्फ दलबदलुओं के सिर बंधने वाला है, इनमें भाजपा ने कांग्रेस से आए सभी बागियों को मैदान में उतारा है। इसके विपरीत कांगे्रस के टिकट पर भाजपा के साथ बसपा तथा बहुजन संघर्ष दल से आए दलबदलू भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें भाजपा से आए 6, बसपा के दो तथा बहुजन संघर्ष दल से आया एक प्रत्याशी शामिल है। इन सीटों में मुरैना जिले की सुमावली और अंबाह, ग्वालियर जिले की ग्वालियर पूर्व और डबरा सीट, दतिया जिले की भांडेर, शिवपुरी जिले की करैरा, गुना जिले की बमौरी, सागर जिले की सुरखी तथा इंदौर जिले की सांवेर शामिल है। यहां दोनों दलों की ओर से दलबदलू मैदान में हैं।
कांटे के मुकाबले के हालात
- बागियों के मुकाबले वाली अधिकांश विधानसभा सीटों में कांटे के मुकाबले के हालात निर्मित हैं। सुमावली में पुराने प्रतिद्वंद्वी एंदल सिंह कंसाना, भाजपा और अजब सिंह कुशवाहा, कांग्रेस फिर आमने-सामने हैं। फर्क यह है कि इस बार दोनों ने दल बदल लिए हैं। अंबाह में भाजपा से कांग्रेस के बागी कमलेश जाटव और बसपा से कांग्रेस में आए पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार के बीच मुकाबला है। ग्वालियर पूर्व में 2018 के प्रतिद्वंद्वी मुन्नालाल गोयल भाजपा और सतीश सिंह सिकरवार कांग्रेस फिर आमने-सामने हैं लेकिन दलबदल कर। डबरा में कांग्रेस ने पार्टी की बागी भाजपा की इमरती देवी के सामने भाजपा से आए उनके समधी सुरेश राजे को टिकट दे दिया है। भांडेर में कांग्रेस की बागी भाजपा प्रत्याशी रक्षा सिरोनिया का मुकाबला कांग्रेस के टिकट पर फूल सिंह बरैया कर रहे हैं। बरैया पहले बहुजन संघर्ष दल में थे। करैरा में कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के बागी जसवंत जाटव के मुकाबले बसपा से आए प्रागीलाल जाटव को प्रत्याशी बनाया है। बमौरी में कांग्रेस के बागी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का मुकाबला भाजपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल कर रहे हैं।
सुरखी और सांवेर पर सबकी नजर
- प्रदेश की सुरखी और सांवेर विधानसभा सीट पर हर किसी की नजर है। इसकी एक वजह इन सीटों से कांग्रेस के बागी और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रमुख सिपहसलार गोविंद सिंह राजपूत एवं तुलसी सिलावट का मैदान में होना है। सरकार में दोनों ताकतवर मंत्री भी हैं। दूसरा, कांग्रेस ने भाजपा के ताकतवर नेताओं को पार्टी में लाकर मुकाबला रोचक बना दिया है। इसकी वजह से मुकाबला रोचक हो चला है। सुरखी में भाजपा के गोविंद का मुकाबला भाजपा से विधायक रहीं पारुल साहू कर रही हैं जबकि सांवेर में कांग्रेस ने तुलसी सिलावट के सामने प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारा है। गुड्डू भी इस सीट से विधाायक रह चुके हैं। ये दोनों सीटें भाजपा और कांग्रेस की आगे की राजनीति तय करने वाली साबित हो सकती हैं।
@दिनेश निगम ‘त्यागी’