मुंबई : आख़िरकार तमाम अटकलों और अफ़वाहों के बीच एकनाथ खड़से ने आज शरद पवार की मौजूदगी में एनसीएपी का दामन थाम लिया. हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफ़ा दिया था. बताया जा रहा था कि वे पार्टी से नाराज चल रहे थे और उनका आरोप था कि उन्हें पार्टी से लगातार दरकिनार किया जा रहा था.
आपको बता दें कि एकनाथ ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी से तयाग पत्र दे दिया था. इस बात की पुष्टि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री यजन्त पाटिल ने की थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ”मुझे पता चला कि एकनाथ ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. ”ऐसे में हमने फैसला किया कि एकनाथ खडसे को एनसीपी में आने का अवसर दिया जाए.”
2015 में दिया था फडणवीस सरकार से इस्तीफ़ा…
एकनाथ खड़से भाजपा में लगभग 40 साल तक रहे हैं. शरद पवार से हाल ही में कहा था कि भाजपा को महाराष्ट्र में खड़ा करने में खड़से का बहुत बड़ा योगदान है. बता दें कि साल 2015 में एकनाथ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, इसके बाद उन्होंने देवेंद्र फडणवीस की सरकार से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद से ही उनका राजनीतिक करियर कुछ ख़ास नहीं रहा है. साल 2019 में भी पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित रखा था.
खड़से की बेटी भी लड़ चुकी है भाजपा के टिकट पर चुनाव…
महाराष्ट्र में जब 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो उस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने एकनाथ खड़से की बेटी रोहिणी को चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि रोहिणी को विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था.