पहले इंडिया में हार्ट अटैक से संबंधित समस्या बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी, अब विदेशों में 50 के बाद तो इंडिया में 35 की उम्र के बाद ही आती है यह समस्या सामने – डॉक्टर अखिलेश जैन राजश्री अपोलो हॉस्पिटल

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इंदौर. कोरोना के बाद से हार्ट संबंधित समस्या में बढ़ोतरी हुई है कोविड की वजह से कुछ तो इंफेक्शन हुआ है जिसके चलते यह समस्या बड़ी है। हो सकता है कि आने वाले समय में इससे संबंधित कोई शोध की रिपोर्ट हमारे सामने प्रस्तुत हो जो इसके कारणों को बताएं। इसी के साथ हमारी बदलती लाइफ स्टाइल में हमारे खान-पान ने भी हार्ट से संबंधित समस्या को बढ़ावा दिया है। जिसमें पौष्टिक आहार से फास्ट फूड का चलन, एक्सरसाइज में कमी, स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन और अन्य चीजें शामिल है। इसी के साथ भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में स्ट्रेस का लेवल भी बढ़ गया है जो इस समस्या को बढ़ावा देता है कई लोगों में यह समस्या जेनेटिक रूप से पाई जाती है लेकिन हम हमारी लाइफ स्टाइल, खानपान में बदलाव कर इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं।

यह बात डॉक्टर अखिलेश जैन ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित राजश्री अपोलो में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. हार्ट अटैक की समस्या क्या है यह किन कारणों से होती है वही इसके लक्षण क्या है?

जवाब. हार्ट अटैक की समस्या आजकल बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ रही है। पहले इंडिया में यह बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी जिसमें आजकल यंग जेनरेशन में 35 के बाद यह देखने को सामने आ रही है वही फॉरेन कंट्री में यह 50 से 60 साल के बाद देखने को सामने आती है। इसका मुख्य कारण हमारा खान-पान और बदलती लाइफस्टाइल है। वहीं कई बार यह जेनेटिक रूप से भी सामने आती है। हार्ट के ब्लॉकेज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं जिसमें एक तो यह ग्रैजुअली डेवेलप होते हैं जिसमें कोलेस्ट्रॉल डिपोजिशन होता है और मसल सिकुड़ती है जिसे एनजाइना कहा जाता है। वही इसके लक्षण में थोड़ी दूर चलने पर दर्द होने की समस्या सामने आती है। वही दूसरे प्रकार में होता है आर्ट अटैक जिसमें अचानक ब्लड की नली का बंद होना और हार्ट को खून की सप्लाई कम होने से अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इसे हार्टअटैक कहा जाता। इसमें लक्षण की अगर बात की जाए तो अचानक दर्द शुरू होना और वह कंधों से गर्दन तक जाना, ज्यादा पसीना आना, घबराहट, चक्कर आना, उल्टी होना शामिल है। वहीं कई बार लोग इसे अन्य प्रकार की समस्या समझ कर नजरअंदाज भी कर देते हैं लेकिन यह सही नहीं है।

सवाल स्वस्थ हार्ट के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए?

जवाब. एक स्वस्थ हार्ट के लिए हमें नियमित रूप से 40 मिनट से 50 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए जिसमें रनिंग, वाकिंग या कोई पसंदीदा खेल खेलना चाहिए । साथ ही स्मोकिंग और अन्य बुरी आदतों से दूर रहना, हमारी डाइट में भी परिवर्तन जरूरी है जिसमें पौष्टिक खाने को शामिल करना, तेल घी की मात्रा कम करना और फास्ट फूड से परहेज करना जरूरी है। वही हमारे वजन को भी नियमित करना जरूरी है। किसी व्यक्ति को ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थाइरॉएड, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या हो तो अपने डॉक्टर की सलाह से नियमित रूप से दवाई लेना और इसे कंट्रोल करना जरूरी है ताकि हार्ट से संबंधित समस्या से बचा जा सकें।

सवाल. हार्ट फेलियर क्या है यह समस्या कैसे बढ़ती है और इसके लक्षण क्या है?

जवाब. वर्तमान समय में हार्ट फेलियर से संबंधित समस्या में भी बढ़ोतरी हुई है इसे अगर आसान भाषा में समझा जाए तो हार्ट फेलियर के दौरान हार्ट की पंपिंग कम हो जाती है। यह समस्या हार्टअटैक, हार्ट के वॉल्व में खराबी, किडनी की बीमारी, हार्ट की मांसपेशियों में खराबी और अन्य कारणों से सामने आती है। इसके अगर लक्षणों की बात की जाए तो पेट में सूजन, पैरों में सूजन, भूख कम लगना, वीकनेस रहना, चलने पर सांस फूलना, वही अगर यह समस्या बढ़ जाए तो पेशेंट को लेटने में भी सांस फूलने की समस्या देखने को सामने आती है। इसे नजरअंदाज करने पर सडन डेथ के चांस बहुत ज्यादा होते हैं वहीं इसका सही समय पर ट्रीटमेंट किया जाए तो काफी अच्छे रिजल्ट सामने आते हैं।

सवाल. आप हार्ट से संबंधित और किन समस्याओं में डील करते हैं

जवाब. मैं हार्ट से संबंधित अनेक बीमारियों में डील करता हूं जिसमें हार्ट मैनेजमेंट, एंजियोग्राफी, एनजीओ प्लास्टिक और अन्य समस्याए शामिल हैं। साथ ही मैं प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी पर भी कार्य करता हूं जिसमें मैं लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारी डेवेलप ना हो इसके लिए प्रिकॉशन लाइफ़स्टाइल, मेडिसिन और अन्य चीजों के बारे में बताता हूं ताकि उन्हें भविष्य में हार्ट से संबंधित समस्या की इस स्टेज तक ना आना पड़े।कई बार पेशेंट के साथ आने वाले उनके अटेंडर को भी इसके बारे में जानकारी साझा करता हूं जिसे वह प्रिकॉशन के रूप में लेते हैं।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में का और कहां से पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एसएस मेडिकल कॉलेज रीवा से की इसके बाद एमडी मेडिसिन एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से कंप्लीट किया। वही डीएम कार्डियोलॉजिस्ट की पढ़ाई डीएम जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से की है। इसी के साथ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के फैलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया है साथ ही मैंने अन्य ट्रेनिंग और फैलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लेकर इस फील्ड में दक्षता हासिल की। मैंने रायपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल, नारायणा हॉस्पिटल, इंदौर के शेल्बी हॉस्पिटल और वर्तमान में शहर के प्रतिष्ठित राजश्री अपोलो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। मुझे अपने बेहतर परफॉर्मेंस के लिए प्रतिष्ठित चिकित्सा अवॉर्ड मध्य प्रदेश, एसके मुखर्जी चिकित्सा अवॉर्ड, और अन्य अवॉर्ड से मुझे सम्मानित किया गया है।