पहले थायराइड की समस्या जनता में 4 प्रतिशत तक पाई जाती थी, जो कि अब बढ़कर 10 प्रतिशत हुई, सबसे ज्यादा महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित – Dr. Abhyuday Verma Index Medical College

Suruchi
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इंदौर। हमारी बदलती लाइफ स्टाइल के चलते डायबिटीज और थायराइड की बीमारी काफी कॉमन हो गई हैं। पहले यह देखा जाता था कि 50 की उम्र तक डायबिटीज के मरीज़ देखने को मिलते थे, जिसमें आमतौर पर फैमिली हिस्ट्री जैसी समस्या होती थी। लेकिन आज के दौर में हमारी बदलती जीवन शैली की वजह से इस तरह की समस्याएं बहुत कॉमन रूप से देखने को सामने आ रही है हमारे खान पान में जंक फूड काफी मात्रा तक आ गए हैं l वही हमारे पानी, हवा और फल, सब्जियों में केमिकल और पोल्यूटेंट की मात्रा काफी बढ़ चुकी है जो कि काफी हद तक इन चीजों के लिए जिम्मेदार हैं।

अभी यह देखने में आ रहा है कि डायबिटीज और थाइराइड की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है पहले यह जनता में 3 से 4% तक मिलती थी। अब यह लगभग 10% जनता में पाई जाती है आम बोलचाल में अगर समझे तो हर 10 व्यक्ति में एक व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है। अगर हम इसे आम भाषा में समझें तो हमारे शरीर में सिर के बाल से लेकर पैर के नाखून तक में होने वाले बदलाव में थायराइड के इन हार्मोन का इंवॉल्वमेंट रहता है यह बात डॉ. अभ्युदय वर्मा ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कंसल्टेंट और प्रो. के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल.थायराइड कितने प्रकार का होता है, यह कैसे होता है

जवाब.थायराइड मुख्यतः तीन प्रकार का होता है।जिसमें एक होता है हाइपो थायराइड जिसमें ग्रंथि कम काम करती है एक होती है हाईपर थायराइड इसमें ग्रंथि ज्यादा काम करती है वहीं तीसरी होती है झींगा जिसमें ग्रंथि बढ़ जाती है इन तीनों कंडीशन में थायराइड की समस्या देखने को सामने आती है यह सामान्यता महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है इससे बचने के लिए हमें हमारी जीवन शैली में बदलाव के साथ-साथ खानपान में भी बदलाव की अति आवश्यक हैजिसमें हम मोटा अनाज हरी पत्तेदार सब्जियां शुद्ध जल फ्रेश फल अन्य चीजों को अपने खानपान में शामिल करें

सवाल. क्या महिलाओं में थायरॉयड से कोई अन्य समस्या उत्पन्न हो सकती है

जवाब.थायराइड की समस्या की वजह से इसका असर बॉडी की हर ऑर्गन पर होता है जिसके चलते शरीर में थकावट, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, वजन घटना या कम होना आम लक्षण होते है। वहीं इसके चलते महिलाओं में पीरियड्स में गड़बड़ी हो जाती है इसी के साथ इस समस्या से लड़कियों के यौन विकास में भी समस्या आ सकती है। वही 20 वर्ष की उम्र की आयु के बाद महिलाओं में यह समस्या होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या भी देखने को सामने आती है। इस बीमारी से ग्रसित महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक और मानसिक विकार होने की चांस बने रहते हैं। अगर बात आंकड़ों की की जाए तो महिलाओं में यह पुरुषों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा होता है।

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सवाल.क्या डायबिटीज की समस्या में बढ़त हुई है, वहीं बच्चों में यह किस तरह बढ़ रही है

जवाब.अभी तक चाइना हमारे देश के मुकाबले जनसंख्या में और डायबिटीज के मामलों में हमसे ज्यादा आगे था लेकिन अब हम पहले नंबर पर आ गए हैं। हमारे यहां डायबिटीज के पेशेंट भी काफी मात्रा में बढ़ गए हैं। इसका एक कारण हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव और हमारा मोटापा है जैसे जैसे व्यक्ति के शरीर का वजन बढ़ता जाता है वैसे ही डायबिटीज की समस्या उसे घेर लेती है। पहले आमतौर पर 50 की उम्र में डायबिटीज के पेशेंट देखने को मिलते थे अब अगर मैं अपनी ओपीडी की बात करूं तो 10 साल की उम्र तक के बच्चे भी इस बीमारी से ग्रसित है। आज 5 से 6 वर्ष की आयु में ही बच्चे का खानपान बिगड़ने लग गया है जिससे वह मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बाल्यावस्था से ही बच्चे का अनियमित खानपान कम एक्सरसाइज और बढ़ता मोटापा धीरे-धीरे ऐसे बच्चों को डायबिटीज अपना शिकार बना लेती है

सवाल. बढ़ता मोटापा किस प्रकार की समस्या को जन्म देता है वहीं यह महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा क्यूं होता है।

अगर बात मोटापे की करी जाए तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। एक समय के बाद महिलाओं की फिजिकल एक्टिविटी काफी हद तक कम हो जाती है वही उनका खानपान का अनुपात समान बना रहता है। वहीं पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले थोड़ी सी फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा होती है इसके चलते पुरुषों में मोटापे की समस्या कम देखने को मिलती है। अगर बात अन्य बीमारियों के वजह से बढ़ते मोटापे की करी जाए तो इसमें खासकर महिलाओं में पाए जाने वाला हाइपर थायराइड की वजह से भी महिलाओं में वजन बढ़ता है वही वहीं महिलाओं में एक उम्र के बाद मासिक धर्म में अनियमितताएं होती है इस वजह से हार्मोनल चेंजेस के चलते मोटापे की समस्या देखने को सामने आती है। कई बार यह जेनेटिक रूप से भी लोगों में से देखने को मिलता है। पहले के मुकाबले अगर बात थायराइड, डायबिटीज और मोटापे की करी जाए तो इसमें 10% तक का इजाफा हुआ है वही यह आंकड़ा युवाओं में बहुत तेजी से बढ़ रहा है।

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सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई कहां से पूरी की है।

जवाब.मैने अपनी एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई रमैया मेडिकल कॉलेज से पूरी की इसके बाद मास्टर एंडोक्रोनोलॉजी से किया। इसके बाद देश के प्रतिष्ठित एम्स दिल्ली में अपनी सेवाएं देने के साथ साथ देश के कई बड़े हॉस्पिटल में कंसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी है। मेने
शहर में अरबिंदो में अपनी सेवाएं देने के बाद इंडेक्स मेडिकल कॉलेज विभाग में प्रोफ़ेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी इसके बाद वर्तमान में एंडोक्राइन विभाग की शुरुआत की और इसमें प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। जिसके तहत अब इस क्षेत्र में शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। में परदेशीपुरा स्थित अपने वर्मा नर्सिंग होम में भी अपनी सेवाएं देता हूं।