इंदौर। पहले हम देखते थे कि 65 की उम्र के बाद लोगों में ज्वाइंट , हाथ पांव में चलने फिरने में दर्द और अन्य समस्याएं सामने आती थी। आज के दौर में बदलती लाइफ स्टाइल, वेस्टर्न फूड, एक्सरसाइज ना करना और अन्य कारणों के चलते यह चीज़े मिडिल एज में 40 की उम्र वालो में यह सामने आ रही है। यह बात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर शान्तनु जैन ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के डीएनएस हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
बदलती लाइफ स्टाइल में विटामिन्स हो रहे गायब
वह बताते हैं कि आज कल हमारे खान पान में बदलाव आया है, पहले हमारे भोजन में हरी सब्जियां, फल फ्रूट काफी मात्रा में होते थे। लेकिन बदलती फूड हैबिट और मिलावट के इस दौर में हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने वाले विटामिन बी, विटामिन बी12, विटामिन सी, विटामिन ई और अन्य मिनरल्स हमारे भोजन से गायब होते चले जा रहे हैं। जिस वजह से हमारी हड्डियां कमजोर होती जा रही है। डॉक्टर जैन ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज बेलगाम और पोस्ट ग्रेजुएशन प्रमुखस्वामी मेडिकल कॉलेज गुजरात से किया है। उन्होंने अमलतास हॉस्पिटल और शहर के सीएचएल हॉस्पिटल में जूनियर कंसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी है।
अल्कोहल, धूम्रपान हीलिंग को करता है कम
बिगड़ती आदतें जिसमें स्मोकिंग, अल्कोहल और अन्य प्रकार की चीजों का सेवन दिन ब दिन बढता जा रहा है। इस तरह के नशे शरीर में हीलिंग को कम कर देते है। जिससे फ्रैक्चर के बाद हड्डियों के जुड़ने में समय लगता है। एक्सिडेंट के बाद हड्डियों के जुड़ने में एक समय लगता है, इन सभी प्रकार के नशों से इसमें हीलिंग में समस्या आती है। इसी के साथ हमारी बदलती लाइफ स्टाइल का भी इस पर काफी असर पड़ता है।
फ्रैक्चर होने पर ना करे देरी, डॉक्टर को दिखाएं
कई बार लोग हड्डियों में कोई समस्या आने से पहले ध्यान नहीं देते हैं, डॉक्टर को दिखाने में देरी करते हैं, बाद में यह समस्या बढ़ जाती है। जिससे हड्डियों में सुधार होने में ज्यादा समय लग जाता है, समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।डॉक्टर जैन नी रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट, ट्रॉमा सर्जरी, और अन्य फ्रैक्चर सर्जरी करते हैं। वह बताते हैं कि पहले के मुकाबले अब होने वाले फ्रैक्चर घातक होते हैं, गाड़ी की हाई स्पीड और अन्य चीजों के चलते यह समस्या देखने में आती है।