हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। इस साल शादरीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से आरंभ हो गई है। वह 14 अक्टूबर को इसका समापन होगा। ऐसे में 15 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रावण दहन के अलावा शस्त्र पूजन का विधान है। आज हम आपको दशहरा का शुभ मुहूर्त बताने जा रही है। तो चलिए जानते है –
दशहरा शुभ मुहूर्त –
– विजय मुहूर्त: 15 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक।
– अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि शुरू: 14 अक्टूबर शाम 06 बजकर 52 मिनट से।
– अश्विन मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त: 15 अक्टूबर शाम 06 बजकर 02 मिनट पर।
दशहरा का महत्व –
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करा था। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था। इस दिन शस्त्र पूजा की परंपरा भी है। दशहरा पर लोग वाहनों की भी पूजा करते हैं। वह नया कार्य आरंभ करने के लिए विजयादशमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है।
दशहरा पूजा विधि –
दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वस्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। फिर सभी शस्त्रों को पूजा के लिए एक जगह रख दें। अब सभी पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। फिर हल्दी या कुमकुम से तिलकर लगाकर पुष्प अर्पित करें। फूलों के साथ शमी के पत्ते भी चढ़ाएं।
पूजा के फायदे –
आपको बता दे, इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। दरअसल, इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय प्राप्त होगी। साथ ही इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। क्योंकि नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत होती है।