कलेक्टर के अमर्यादित व्यवहार के कारण महिला अधिकारी ने दिया इस्तीफ़ा, मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता

Rishabh
Published on:

इंदौर: प्रदेश में कोरोना के कारण वैसे ही हालत ख़राब है ऐसे में इंदौर शहर जहां कोरोना के हजारों मरीज रोजाना आ रहे है, और इसी बीच इस कोरोना काल में मरीजों के लिए भगवान बने हुए डॉक्टर्स को लेकर एक नया मामले सामने आया है, दरसल इंदौर शहर के कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा किए जा रहे अभद्र एवं गंदे व्यवहार से दुखी होकर इंदौर जिले की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गडरिया ने आज नौकरी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है इसके बाद सोशल मिडिया पर भी यह फेल गई है।

जिले की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गडरिया ने अपने नौकरी छोड़ने का जैसे ही फैसला लिया और जानकारी जैसी ही फैली तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं का समूह महिला अधिकारी से मिलने के लिए पहुंचा और उन्हें अपने इस निर्णय को बदलने के लिए आग्रह किया।

कलेक्टर के व्यवहार के कारण डॉ.गडरिया के नौकरी छोड़ने और इस्तीफे की जानकारी मिलते ही प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल सभी मिलकर एमटीएच कंपाउंड स्थित कार्यालय में डॉक्टर गडरिया से मिलने पहुंचे।

ये है इस्तीफे के पीछे का कारण-
डॉ. गड़रिया के इस्तीफे देने के बाद जब कांग्रेस नेताओं ने जब इस बात के पीछे का कारण पूछा तो डॉ ने बताया कि – ‘लगातार कलेक्टर के द्वारा गंदा व्यवहार किया जा रहा है, मीटिंग में और सार्वजनिक रूप से गंदी शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है, मैं प्रथम श्रेणी के अधिकारी हूं, मेरे द्वारा सीएमएचओ के रूप में कोरोना के संक्रमण काल में बहुत ज्यादा काम किया गया है, इसके बाद भी कलेक्टर के द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, और यह व्यथित करते हुए महिला अधिकारी के आंसू निकल आए और वो रो पड़ी। इसके बाद कांग्रेस नेताओ ने उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने और इस बात पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

डॉ गड़रिया के इस फैसले को लेकर मिलने के बाद इंदौर के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि – “प्रदेश में इस समय मुख्यमंत्री के पसंदीदा गिने-चुने अधिकारियों की सरकार चल रही है, इन अधिकारियों की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है, इन अधिकारियों के द्वारा अपने मातहतों के साथ कितना गंदा व्यवहार किया जा रहा है यह इस घटना से स्पष्ट होता है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि – प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के कार्यकाल में हो रहे इस गंदे व्यवहार की जवाबदारी लेना चाहिए, इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं के द्वारा इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।”