इंदौर। आज से कुछ समय पहले इंदौर शहर में अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेस तो थी लेकिन उस समय एसएससी एग्जाम के लिए ना तो भरोसेमंद कोचिंग क्लासेएस थी और ना ही इसको लेकर बच्चों में जागरूकता। जो स्टूडेंट्स एसएससी के लिए प्रिपेयर करते थे वह शहर से बाहर जाकर इस परीक्षा की पढ़ाई करते थे इसी को ध्यान में रखते हुए शहर में एसएससी की फील्ड में तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से स्कॉलर्स करियर एकेडमी की शुरुआत अरविंद भास्कर ने की वह राजस्थान के झुंझुनूं से हैं। और इस साल ऑल इंडिया 5 वी रैंक की स्टूडेंट प्राची त्रिपाठी ने भी स्कॉलर्स एकेडमी से ही शिक्षा हासिल की है वही पिछले कई सालों से एसएससी और अन्य एग्जाम में स्कॉलर्स ने बेस्ट रिजल्ट्स दिए हैं।
सवाल. स्कॉलर्स कैरियर एकेडमी कोचिंग क्लासेस की शुरुआत शहर में कैसे हुई
जवाब. दिल्ली की एक कोचिंग की ब्रांच जयपुर में थी उस कोचिंग क्लासेस में मैं टीचिंग करता था। उन्होने मुझे जयपुर से मैथ्स की क्लासेस लेने के लिए इंदौर भेज दिया। मैंने लगभग 6 माह तक उस कोचिंग क्लासेस में अपने शिक्षा प्रदान की। उसके बाद मैंने उस कोचिंग क्लास से रिजाइन कर दिया और अपनी मैथमेटिक्स क्लासेस गिरिराज टॉवर पर शुरू कर दी। यहां पर मैं सभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट को मैथ्स की क्लासेस देता था। लगभग 1 साल बाद 2018 में दूसरी स्ट्रीम के टीचर हमसे जुड़े और हमने फिर स्कॉलर्स करियर एकेडमी का रूप दिया और भंवर कुवा पर पहली क्लासेस शुरुआत की।
सवाल. स्कॉलर्स करियर एकेडमी के स्टूडेंट्स ने एसएससी में अब तक कोन सी रैंक हासिल की है
जवाब. जब हमने एसएससी की कोचिंग क्लासेस की शुरुआत इंदौर में की तो उस दौरान दूसरी एग्जाम का क्रेज तो बहुत ज्यादा था लेकिन एसएससी को लेकर इतना क्रेज नहीं था 5 से 6% बच्चे ही इस एग्जाम में एडमिशन लिया करते थे। पहले एसएससी के लिए बच्चे दिल्ली या अन्य जगह करते थे। फिर हमने धीरे-धीरे अपने रिजल्ट दिए इस वजह से स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स का स्कॉलर्स पर भरोसा बढ़ता गया। 2016 में सिर्फ एसएससी सीजीएल में हमने 50 से ज्यादा सीलेक्शन दिए वही 2018 में एसएससी एमपी रीजन में फर्स्ट रैंक से लेकर 6 वी रैंक तक हमारे स्टूडेंट थे।
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इसी के साथ 2019 में भी हमारा रिजल्ट टॉप रैंक में रहा। हाल ही में 2022 का रिजल्ट आया है उसमें हमारी स्टूडेंट प्राची त्रिपाठी ने ऑल इंडिया मैं 5 वी रैंक हासिल की वही लड़कियों में फर्स्ट रैंक हासिल करने का कीर्तिमान रचा है। इसी के साथ हमारे इंस्टिट्यूट के शैलेंद्र यादव जो कि ग्वालियर से है उन्होंने ऑल इंडिया में 22 वी रैंक हासिल की है। इसी के साथ उज्जैन के कुंवर श्याम ने ऑल इंडिया में 112 वी रैंक हासिल कर क्लासेस का नाम रोशन किया है। हमारी कोचिंग क्लासेस के अन्य स्टूडेंट एसएससी और अन्य दूसरी परीक्षाओं में बेहतर रैंक पाकर दूसरे पद पर सिलेक्ट हुए है।
सवाल. क्या एसएससी के साथ अन्य एग्जाम की तैयारी हमारे इंस्टिट्यूट पर करवाई जाती है
जवाब. एसएससी के अलावा क्लास के स्टूडेंट्स ने और भी अन्य एग्जामिनेशन में टॉप रैंक हासिल कर कोचिंग क्लासेस को गौरवान्वित किया है हाल ही में हमारे 17 स्टूडेंट उत्तर प्रदेश में सब इंस्पेक्टर के पद पर सिलेक्ट हुए हैं वहीं कई स्टूडेंट्स मध्यप्रदेश में कांस्टेबल के पद पर सिलेक्ट हुए हैं। हमारे यहां पर क्लासेस में फाउंडेशन बैच मैराथन बैच में एसएससी से संबंधित सारे कोर्स में शिक्षा प्रदान की जाती है जिसमें एसएससी सीजीएल, एसएससी सीपीओ एसएससी सीएचएसएल, एसएससी स्टेनोग्राफर, एसएससी एमटीएस, एसएससी जूनियर इंजीनियर, बैंकिंग, सीईटी, व्यापम, रेलवे और अन्य एग्जाम की तैयारी करवाई जाती है। इन सब एग्जाम में भी बच्चे बेहतर रैंक हासिल कर इन पदों पर सिलेक्ट होते हैं बात अगर सिलेक्शन की करी जाए तो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में स्कॉलर्स केरियर एकेडमी के कई स्टूडेंट्स चयनित होते हैं।
सवाल. कोचिंग क्लासेस में एडमिशन का क्या प्रोसीजर रहता है कितने महीने के कोर्स रहते हैं
जवाब. कोचिंग क्लास में 6 महीने के कोर्स के तहत इन कोर्स में एडमिशन दिया जाता है। महज 145 बच्चों से शुरू हुई इस क्लासेस में आज हर साल लगभग 2 से 3 हज़ार स्टूडेंट्स एडमिशन लेकर शिक्षा हासिल करते हैं जिसमें मध्यप्रदेश के साथ-साथ बाहरी राज्यों से भी स्टूडेंट आकर एडमिशन लेते हैं। कोचिंग क्लासेस में सुबह 9 बजे से लेकर शाम को 8 बजे तक तक अलग-अलग बेच में क्लासेस संचालित की जाती है लगभग 15 बैच में अलग-अलग बेच के माध्यम से स्टूडेंट शिक्षा हासिल करते हैं।
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सवाल. कोचिंग क्लासेस में एजुकेटर को अप्वॉइंट करने का क्या क्राइटेरिया रहता है
जवाब. क्लासेस में शिक्षा की क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाता है इसीलिए कोचिंग क्लासेस में ऐसे एजुकेटर को अप्वॉइंट किया जाता है जिन्होंने एसएससी का एग्जाम क्वालीफाई किया है और इंटरव्यू लेवल तक पहुंचे हैं वही टीचर्स का एक्सपीरियंस भी काउंट किया जाता है। क्लासेस में शिक्षा देने वाले कई टीचर्स ऐसे हैं जिन्होंने देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में अपनी शिक्षा प्रदान की है इसी के साथ मैं भी अपने टीचिंग प्रोफेशन से कभी अलग नहीं हुआ।आज कोचिंग क्लासेस के सफल होने के बाद भी मैं स्टूडेंट के बीच रहता हूं और उन्हें शिक्षा प्रदान करता हूं।
जवाब. बच्चों को स्टडी मटेरियल में क्या-क्या दिया जाता है ताकि उन्हें पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्या ना हो
जवाब. बच्चों द्वारा एडमिशन लेने के पश्चात एक किट दी जाती है जिसमें बुक्स,क्लासेस द्वारा डीप रिसर्च के बाद बनाए गए नोट्स, टॉपिक वाइज मॉक टेस्ट, पेपर और अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है ताकि स्टूडेंट्स को बाहर से कोई स्टडी मैटेरियल खरीदने की जरूरत ना हो इसी के साथ बच्चों को ऑफलाइन क्लासेस के साथ-साथ ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन भी दिया जाता है। क्लासेस में लाइब्रेरी फैसिलिटी भी फ्री ऑफ कॉस्ट दी जाती है इसी के साथ एक बार एडमिशन लेने के पश्चात कोचिंग क्लासेस में जब तक सिलेक्शन नहीं होता तब तक मैथमेटिक्स और इंग्लिश की क्लासेस फ्री ऑफ कॉस्ट दी जाती है। वहीं एजुकेटर हमेशा क्लासेस में अवेलेबल रहते हैं इस दौरान कोई डाउट होने पर स्टूडेंट्स को सॉल्व करने में मदद दी जाती है।