पृथ्वी पर जंगलों का कटाव जानवरों और पौधों को इतना करीब ले आया है, कि जिससे कोरोना जैसी जानलेवा महामारी पैदा होती है। जो इंसानों तक पहुंच कर मानव जाति का नाश करती है।बर्ड फ्लू,स्वाइन फ्लू, इबोला, निपाह, सार्स के बाद अब कोरोना पृथ्वी पर हमारे द्वारा पैदा किये गए असन्तुलन का परिणाम है।इसलिये 22 अप्रेल को 51 वें पृथ्वी दिवस पर घर घर गायत्री मंत्र और अथर्ववेद के चार मन्त्रों ॐ इन्द्राय स्वाहा,ॐ प्रजापतये स्वाहा, ॐ अग्नये स्वाहा, ॐ सोमाय स्वाहा से सूर्यास्त के पूर्व हवन करें, शाम को घी का दीपक तुलसी के पास प्रज्वलित करें। धरती माता का श्रृंगार रांगोली बना कर करें।पृथ्वी पूजन परिवार सहित करें
संस्था “आनन्द गोष्ठी” के संरक्षक श्री गोविन्द मालू ने यह आव्हान करते हुए बताया कि “इस अवसर पर हर परिवार घर में ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हवन करे, बाद में सामूहिक संकल्प दोहराएं कि *”हे धरती माँ जो कुछ भी तुमसे लूँगा उतना ही तुझे वापस करूँगा, तेरी जीवनी शक्ति – सहन शक्ति पर कभी आघात नहीं करूँगा”
इस हेतु प्रचार के लिए एक समिति बनाई है, शहर को 11 क्षेत्रों में बांट कर ये सभी मोबाइल और सोशल मीडिया पर ऐसा आग्रह कर प्रचार करेंगें।
गोविन्द मालू
संरक्षक
उष्मामालू
अध्यक्ष
आनंद गोष्ठी
सादर प्रकाशनार्थ
सभी से आग्रह है घर के कार्यक्रम के चित्र जरूर हमें भेजें।
9926000990
9691020520
9425054300