भोपाल : डॉ. कपिल ने मध्यप्रदेश में लोक कलाओं और लोक कलाकारों के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्कृति विभाग में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों से होनहार लोक कलाकारों को खोज कर मंच प्रदान किया। उनका उत्साह बढ़ाया।
लेखन के क्षेत्र में भी डॉ. तिवारी काफी सक्रिय रहे हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनके आलेख अक्सर प्रकाशित होते हैं। मौलिक चिंतन के धनी तिवारी जी सागर बुंदेलखंड अंचल से निकले ऐसे संस्कृति कर्मी और साहित्यकार हैं . जिन पर सागर विश्वविद्यालय परिवार को गर्व है।