इन्दौर: पिछले साल कोविड संक्रमण के शुरूआती दौर में सरकार की सख्ती से स्थिति नियंत्रित हो गई थी, लेकिन वर्तमान में निर्मित भयावह स्थिति के नतीजे का कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देष के हम सब बेपरवाह नागरिक ही हैं। सरकार के साथ देष के हम सब जिम्मेदार नागरिक पिछले साल की भयावहता को भाँप लिया होता तो शायद आज ऐसी नौबत नहीं आती। पिछले साल ग्रामीण क्षेत्र संक्रमण से इतने अधिक प्रभावित नहीं हुये थे, जितना कि इस साल। संक्रमण व संक्रमण से मौत पुष्टि ग्रामीण क्षेत्रों में भी होने लगी है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार तथा आयुष विभाग मध्यप्रदेष द्वारा होम्योपैथिक दवा का उपयोग बतौर इम्युनिटी बूस्टर माईल्ड केसेस, माॅडरेट केसेस तथा पोस्ट कोविड केसेस के लिये बताया गया है। जिस तरह से इन्दौर सहित पूरे प्रदेष में अस्पतालों में बेड, आॅक्सीजन तथा दवाईयों के कमी की खबरें लगातार आ रही हैं, ऐसे में होम्योपैथिक चिकित्सा सबसे सरल समाधान हो सकती है।
इन्दौर शहर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक तथा वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड, केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने यह बात आयुष वेलनेस फाउण्डेषन द्वारा आयोजित आॅनलाईन कार्यक्रम ‘‘ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाय’’ विषय पर बोलते हुये कहा कि, कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने में मास्क एवं होम्योपैथी दवाईयाँ सबसे सरल एवं उपयोगी उपाय है।
डाॅ. द्विवेदी के अनुसार यदि लोगों द्वारा आयुष मन्त्रालय की सलाह पर होम्योपैथिक दवाईयाँ ली जाय तो आने वाले समय में हम कोरोना की बढ़ती गति पर रोक लगा सकते हैं। डाॅ. द्विवेदी ने कहा कि, कोरोना संक्रमण शहरों के साथ-साथ गाँवों में भी बड़े पैमाने पर फैल चुका है, स्थिति कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा गाँवों एवं शहरों में होने वाली मौत के आँकड़ों से लगाया जा सकता है। आपने कहा कि, सरकार को पहले से ज्यादा तत्परता और गम्भीरता दिखानी होगी। लापरवाही बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है।
आने वाले समय मेें स्वास्थ्य तन्त्र पर और अधिक बोझ बढ़ने वाला है। ऐसे में होम्योपैथिक दवाईयों का वितरण यदि शहरों और गाँवों की जनता को बतौर इम्युनिटी बूस्टर किया जाता है तो यह काफी मददगार साबित होगी। आपने कहा कि, कोरोना खतरनाक जरूर है, लेकिन वक्त पर सही इलाज मिले तो इससे जल्दी आराम मिल सकता है। इसलिये जरूरी है कि, हर कोरोना मरीज को सही वक्त पर उचित चिकित्सकीय सेवायें उपलब्ध हों। आपने सुझाया कि, मुष्किल हालात में लोगों की जान बचाने के लिये सभी को युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा तथा जनता को भी अपनी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिये, जिसमें सोषल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी), मास्क का उपयोग, बचाव के उपाय तथा वैक्सीनेषन जरूरी है।