नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और 35ए हटाने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और दुनियाभर के देशों से मदद की गुहार लगा चुका है, लेकिन किसी भी देश ने भाव नहीं दिया। पहले मध्यस्थता का प्रस्ताव रखने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना रूख साफ करते हुए कहा कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और अमेरिका इसमें कतई दखल नहीं देगा। अमेरिका ने अब मध्यस्थता करने से साफ इंकार कर दिया है।
हालांकि यह खबर भारतीय राजदूत हर्षवर्धन सिंगला के हवाले से आई है। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन सिंगला ने कहा कि अमेरिका अपनी पुरानी नीति पर चलना चाहता है। अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करें। राजदूत हर्षवर्धन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहते हैं कि वे मध्यस्थता करें तो वे मध्यस्थता कर सकते हैं, लेकिन भारत का रुख साफ है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है, जिस पर फैसला केवल दोनों देश कर सकते हैं। भारत का कश्मीर पर हमेशा से रुख स्पष्ट रहा है कि यह एक आंतरिक मुद्दा है, जिस पर किसी तीसरे देश की दखल स्वीकार नहीं की जाएगी।