इस कोरोना से कई लोगों ने अपनी जान गवा दी है, जिसके कारण लोगों के मन में इस संक्रमण को लेकर डर बढ़ता ही जा रहा है, और लोग कोरोना से मरने वालो के शरीर को भी छूने से डरते है, और इस डर को देखते हुए AIIMS फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक महवत्पूर्ण जानकारी सांझा की है, जिससे लोगों को कोरोना से मरने वालों से होने वाले संक्रमण के डर को थोड़ा कम कर सकता है।
कोरोना से मरने के बाद संक्रमण के होने को लेकर डॉ. गुप्ता ने बताया है कि “एक संक्रमित व्यक्ति की मौत के 12 से 24 घंटे बाद कोरोना वायरस नाक और मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता, जिसके कारण मृतक से संक्रमण का खतरा अधिक नहीं होता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि इसके लिए ‘‘मौत के बाद 12 से 24 घंटे के अंतराल में लगभग 100 शवों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए फिर से जांच की गई थी, जिनकी रिपोर्ट नकारात्मक आई, मौत के 24 घंटे बाद वायरस नाक और मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता है।” इस जानकारी के बाद शव को लेकर लोगों के मन में संक्रमण का डर भी कम होगा।
पिछले वर्ष से चल रहे संक्रमण को लेकर AIIMS में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में ‘कोविड-19 पॉजिटिव मेडिको-लीगल’ मामलों पर एक अध्ययन किया गया था, और पोस्टमार्टम के बाद शवों को सुरक्षा के तौर पर नाक और मुंह की गुहाओं को बंद करने की बात कही गई थी साथ शवों को छूने वाले लोगों को मास्क, दस्ताने और पीपीई किट पेहनंने को कहा गया था। साथ ही डॉ गुप्ता ने अस्थियों से संक्रमण न फैलने की भी जानकारी दी है।