केजरीवाल ने खुद को कहा सेवादार, अमरिंदर ने किया पलटवार, बोले- गेहूं-धान का फर्क पता नहीं और…’

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चंडीगढ़ : किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आमने-सामने हैं. सोमवार को दिल्ली सीएम केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों से मिलने के लिए पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने कहा था कि मैं सेवादार हूं और मैं सेवा करने आया हूं. अब पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के इस बयान को लेकर उन पर जोरदार तंज कसा है.

केजरीवाल पर जोरदार प्रहार करते हुए अमरिंदर ने कहा है कि केजरीवाल को धान और गेहूं के बीच में अंतर पता नहीं है और खुद को सेवादार बोल रहे हैं. इसके साथ ही कैप्टन ने केजरीवाल के सिंघु बॉर्डर पर जमकर किसानों से मुलाकात करने पर भी बयान दिया है और उन्होंने इसे केजरीवाल का ड्रामा बताया है. केजरीवाल को घेरते हुए अमरिंदर ने कहा कि केजरीवाल ऐसे शख्स हैं जिन्होंने केंद्र सरकार के तीनों विवादित कानूनों को दिल्ली में लागू करने में एक पल की देरी भी नहीं की. जबकि अब उन कानूनों का विरोध किया जा रहा है. ऐसे शख्स का खुद को किसानों का ‘सेवादार’ कहना महज एक ढकोसला है.

मंगलवार को भारत बंद, 2 दर्जन विपक्षी दलों ने किया समर्थन…

बता दें कि किसान नेताओं ने मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है. किसान नेताओं के मुताबिक़, भारत बंद सुबह 8 बजे से दोपहर तीन बजे तक किया जाएगा. इस दौरान किसान चक्का जाम करेंगे. विपक्ष की ओर से किसानों को भारत बंद और अब तक किसान आंदोलन पर भरपूर समर्थन मिला है. कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना, AIMIM, आम आदमी पार्टी, टीआरएस सहित अब तक 24 विपक्षी पार्टियां किसानों के भारत बंद को अपना समर्थन दे चुकी है.

रविशंकर ने विपक्ष को घेरा…

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि, ‘राहुल गांधी ने 2013 में सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया था कि वे फलों व सब्जियों को एपीएमसी की सूची से हटाएं और उन्हें सीधे खुले बाजार में बेचने की इजाजत दें.’

प्रसाद ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा है और उन्हें लेकर कहा कि , ‘शरद पवार ने 2005 के एक साक्षात्कार में कहा था कि एपीएमसी अधिनियम छह महीनों में रद्द कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य अधिनियम में संशोधन और खेतों में निजी क्षेत्र को प्रवेश की इजाजत नहीं देंगे तब तक राज्यों को केंद्र से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी.’ प्रसाद ने भाजपा के प्रतिद्वंदियों को घेरते हुए कहा है कि, ‘वे सत्ता में रहने के दौरान जो करने के लिये काम कर रहे थे अब उसका विरोध कर रहे हैं. यह उनके शर्मनाक दोहरे मापदंड को उजागर करता है. यह सिर्फ विरोध जताने के लिये विरोध है.