गुप्त नवरात्रि पर करें ये खास पाठ, गुप्त मनोकामनाएं के साथ तंत्र सिद्धि होगी पूरी

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आषाढ़ के माह में गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। अभी आषाढ़ का पावन महीना चल रहा है। 9 दिन लोग मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा, आरती, स्तुति करते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि तंत्र मंत्र पूजा के लिए विशेष मानी जाती है और हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

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गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक विद्या भी सीखी जाती हैं। साथ ही तांत्रिक क्रियाकर्म करने वाले साधक गुप्त रूप से करते हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि आरंभ होती है। इस बार ये 11 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक चलेगा।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु समय का आभाव होने की स्थिति में भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली और दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना गया है, जो इस प्रकार है –

सप्तश्लोकी दुर्गा (सप्तशती)

विनियोग

ॐ अस्य श्री दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र मंत्रस्य, नारायण ऋषि: अनुष्टुप् छ्न्द:

श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यो देवता: श्री दुर्गा प्रीत्यर्थे सप्तश्लोकी दुर्गा पाठे विनियोग: ।

श्लोक

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ।।1।।

दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेष जन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मति मतीव शुभां ददासि
दारिद्र्य दु:ख भय हारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकार करणाय सदार्द्र चित्ता ।।2।।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते ।।3।।