ऋषि पंचमी का त्यौहार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। जैसा की आप सभी जानते हैं भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में व्यक्ति अपनी गलतियों का पश्चयताप कर सभी क्षमा मांगता है। साथ ही पूरे विधि विधान से इस दिन व्रत किया जाता है। आपको बता दे, जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी मांगते हुए स्त्री और पुरुष दोनों ही सप्त ऋषियों के लिए व्रत करके उनसे आशीर्वाद लेते है।
वहीं इस दिन अपने पितरों के नाम से दान धर्म भी किया जाता है। ऐसा मान्यता है कि इस दिन पितरों के नाम से दान करने से पितृ खुश होते है। इससे आपकी सफलता में चारचांद लगने के साथ ही साथ आपके रुके हुए सभी काम पूर्ण होने लगते है। आज हम आपको इस दिन किए जाने वाले ऐसे कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको करने से पितृ खुश होते है। इन उपायों को आप आज जरूर करें।
ये है वो उपाय –
– आपको बता दे, आज ऋषि पंचमी के दिन सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने। फिर 11 साबुत छोटी हरी इलायची लें और उन्हें भगवान गणपति के सामने एक प्लेट में रख दे। उसके बाद गाय के घी का दीया जलाएं और फिर पीले फल साथ में रखें। फिर लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से ॐ विद्या बुद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
ऐसा करने से भगवान गणपति खुश होते है। आपको बता दे, भगवान गणपति और सप्तर्षियों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांग कर विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांग ले। ऐसा किया जाए तो विद्या में आ रही रुकावट भाग जाती है। वहीं आप अपने घर का धन बढ़ाने के लिए एक अन्य उपाय कर सकते हैं।
– दूसरा उपाय ऐसा है कि पहले आप स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन ले। उसके बाद अब अपने घर के किचन को साफ कर ले और दूध की खीर बनाएं। फिर घर की दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो या तस्वीर लगाकर उनके सामने घी का दीपक जलाएं।उसके बाद फिर 5 अलग-अलग पान के पत्तों पर थोड़ी खीर रखकर उस पर एक एक इलायची रखें। फिर ॐ श्री पितृ देवाय नमः मन्त्र का 27 बार जपें उसके बाद यह पांचों पान के पत्ते पीपल के वृक्ष की जड़ में चढ़ा दे। फिर पितरों के नाम से जरूरतमंद लोगों को भोजन खिला दें।