श्रावण मास भगवान महादेव को बेहद प्रिय होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और शिवलिंग का जलाभिषेक करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शिवरात्रि पर अलग-अलग राशि के लोग अपने कष्टों के निवारण और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक करके या प्रतिष्ठित शिवलिंग पर जलाभिषेक करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जानिए सावन शिवरात्रि पर किस राशि के लोग किस चीज से करें रूद्राभिषेक-
अपनी राशि के हिसाब से करें रुद्राभिषेक –
मेष राशि: गाजर के रस से
वृष राशि: दूध से
मिथुन राशि: धनिया के रस से
कर्क राशि: गंगा जल से
सिंह राशि: रोली मिश्रित जल से
कन्या राशि: धनिया के रस से
तुला राशि: दूध से
वृश्चिक राशि: गन्ने या गुड़ के रस से
धनु राशि: हल्दी मिश्रित जल से
मकर राशि: गिलोय के रस से
कुम्भ राशि: सरसों के तेल से
मीन राशि: हल्दी मिश्रित जल से
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त :
सावन मास की चतुर्दशी तिथि 06 अगस्त की शाम 06 बजकर 28 मिनट से आरंभ होगी। जो कि अगले दिन 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।
व्रत पारण का समय:
07 अगस्त, दिन शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है।
महत्व:
सावन शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।