Vastu Tips: घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें भगवान की ऐसी मूर्तियां, लगेगा घोर पाप, रुष्ट हो जाएंगे सभी देवी देवता

Simran Vaidya
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Vastu Tips: हिंदू ग्रंथों के अनुसार आज के वक़्त में तक़रीबन हर मनुष्य के घर में पूजा घर जरूर स्थापित होता है। इसी के साथ कई बार हम जाने अनजाने में घर की प्रत्येक मनुष्य किसी भी प्रकार से स्थापित कर देते हैं, जो काफी ज्यादा अशुभ माना जाता है। इसी के साथ आज हम मंदिर में देवी देवता की ऐसी प्रतिमाओं को रखने बताया गया हैं। इन सब चीजों के विषय में बात करेंगे बने रहें हमारे साथ अंत तक।

घर में इस तरह रखें देवी देवता की प्रतिमा

वहीं यदि आपके कुटुंब परिवार में या अन्‍य स्थानों पर देवी देवता की प्रतिमा को घर में रखते हुए। इस बात का ख़ास तौर पर ध्‍यान रखें कि उनके पिछले भाग का भगा दिखाई न दे। इसी के साथ भगवान की प्रतिमा को एकदम सामने से दिखाई देना चाहिए। इसी के साथ भगवान की पीठ के पीछे का भाग दिखा अमंगलकारी माना जाता है।

हिंदू ग्रंथों के आधार पर घर के पूजा स्थल या मंदिर गृह में भगवान श्री गणेश की दो से ज्यादा प्रतिमाए स्थापित नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करना हितकारी नहीं माना जाता हैं। इसलिए परिवार की दो भिन्न-भिन्न स्थानों पर एक ही देवी देवता के दो चित्र रख सकते हैं।

ऐसा होना घर के मंदिर का रंग

हिंदू धर्म के मुताबिक, इंसान को अपने घर के पूजा स्थल का रंग बहुत ही साधारण और शान्ति प्रिय रंग का होना चाहिए। जिससे घर परिवार में पाजिटिविटी का समागम होता हैं। साथ ही पूजा घर की दिवारों पर मामूली पीला रंग या फिर गेरूआ रंग करवाना उचित होता है। साथ ही मंदिर की टाईल्स पर हल्के पीले या सफेद कलर के पाषाण लगवाना चाहिए।

इस दिशा में बनवाए घर का मंदिर

हिंदू पुराणों के आधार पर घर के पूजा स्थल का निर्माण पूर्व और उत्तर दिशा के मध्य की दिशा में होना चाहिए, ऐसा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। लेकिन एक वैज्ञानिक तर्क के अनुसार कहा जाता है कि इस दिशा में पूजा स्थल का निर्माण करते वक़्त इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर गृह के नीचे पाषाण का स्लैब न लगवाएं नहीं तो आप ऋण के भागीदारी बन जाएंगे।

इन मूर्तियों को तत्काल करे ठंडा

ईश्वर की ऐसी मूर्तियों को कभी भी पूजा स्थल में नहीं रखना चाहिए, जो झगड़ें या आक्रमण की स्थिति में हो और देवी देवता के रौद्र रूप में दिखाई दे रही हो। उसके आधार पर सौम्य, सुंदर और आशीष देने वाली प्रतिमा ही पूजा स्थल में रखनी चाहिए। जिससे पॉजिटिव एनर्जी का उद्गम होता है। वहीं टूटी फूटी प्रतिमाओं को भी तो तत्काल ठंडा कर देना चाहिए।