रामनवमी पर ऐसे करें हवन पूजन, ये है यज्ञ सामग्री और पूर्ण विधि

Ayushi
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नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। इस पर्व को सबसे ज्यादा पावन पर्व माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस नवरात्रि का काफी महत्व है। ऐसे में नवरात्रि में मां नव दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन नवरात्रि के नवे दिन यानी नवमी के दिन का महत्व सबसे अधिक होता है। क्योंकि रामनवमी के दिन ही प्रभु श्रीराम ने राजा दशरथ के घर पर जन्म लिया था।

इस बार 21 अप्रैल, 2021 को राम नवमी मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को, रामनवमी भी कहा जाता है। बता दे, बुराई पर अच्छे के प्रतीक, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के इस जन्मदिवस को दुनियाभर के राम भक्त, बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन घरों में हवन पूजन भी किया जाता है। कन्या पूजन और हवन के दौरान भी कोरोना सम्बन्धी नियमों का पूरा ख्याल रखें। आज हम आपको राम नवमी व्रत का शुभ मुहूर्त, हवन सामग्री की लिस्ट और हवन करने की विधि बताने जा रहे हैं।

शुभ मुहूर्त –

नवमी तिथि प्रारम्भ- 21 अप्रैल 2021 को रात 00:43 बजे से
नवमी तिथि समाप्त- 22 अप्रैल 2021 को राज 00:35 बजे तक
पूजा मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
पूजा की कुल अवधि- 02 घंटे 36 मिनट

हवन सामग्री –

नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलेठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटा वाला नारियल, गोला, जौ, आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल।

हवन विधि –

रामनवमी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी बिस्तर त्याग दें और नित्यकर्म और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर हवन कुंड साफ करें और कुंड में समिधा, कपूर और घी डालें और अग्नि प्रज्वलित करें। उसके बाद जोड़े में हवन करने बैठें। फिर गणेश जी का मन ही मन स्मरण करते हुए हवन शुरू करें। बता दे, इसके बाद आपको भगवान राम के नाम की आहुति देना है। इसके पस्चार राम परिवार और समस्त देवी देवताओं के नाम की आहुति यज्ञ में दें। शास्त्रों में, 108 आहुतियों को श्रेष्ठ बताया गया है।

उसके बाद जब हवन संपन्न हो जाए तब भगवान राम की आरती करें और मीठे पकवान का भोग लगाएं। फिर यज्ञ के बाद कन्या पूजन करें। इसके लिए कन्याओं के पांव साफ जल में पखारकर उन्हें भोजन करवाएं और नेग दें। लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर चल रही है ऐसे में यदि आप इससे परहेज करें या कोरोना के नियमों का पूरा ख़याल रखें तो सामाजिक रक्षा की ओर यह एक अच्छा प्रयास होगा।