Diwali 2024: दिवाली पर सूर्यास्त के बाद ही क्यों की जाती है देवी लक्ष्मी की पूजा?

Author Picture
By Srashti BisenPublished On: October 27, 2024

Diwali 2024 : दीपावली, जिसे अमावस्या का त्योहार भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन हमेशा रात में या सूर्यास्त के बाद ही क्यों किया जाता है? इसके पीछे कई धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं जो इस परंपरा को और भी विशेष बनाती हैं।

Diwali 2024: रात में पूजा का महत्व

दिवाली के दिन अमावस्या का समय होता है, जब चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता और चारों ओर अंधकार फैला होता है। इस अंधकार में जब लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं, तो यह माता लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक होता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, लक्ष्मी जी को ‘ज्योति’ का प्रतीक माना गया है। रात्रि में दीप जलाने से यह संदेश जाता है कि हम अपने जीवन से अज्ञानता और अंधकार को दूर कर रहे हैं और ज्ञान, समृद्धि तथा प्रकाश को आमंत्रित कर रहे हैं।

Diwali 2024: पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को समुद्र मंथन से प्रकट होने के बाद अंधकार में खोजा था। इसलिए, इस दिन अंधकार में दीप जलाना और लक्ष्मी पूजन करना विशेष महत्व रखता है। यही कारण है कि दीपावली पर रात्रि के समय पूजा को अत्यंत शुभ और आवश्यक माना जाता है।