दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगो ने की कोरोना महामारी से मुक्ति की दिव्यांग संयुक्त प्रार्थना

Ayushi
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विश्व विकलांग दिवस का महत्व सिर्फ विक्लांगों के लिए न हो कर हम सभी के लिए एक प्रेरणा दिवस के रूप में है। हर व्यक्ति को समाज से जोड़ने के सेवाकार्य में अग्रसर कृष्णा गुरुजी वेलफेयर सोसाइटी ने इस दिशा में एक और पहल करते हुए 3 दिसंबर को एक ऑनलाइन विश्व दिव्यांग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देश विदेश के लोगों और विभिन्न क्षेत्रों में प्रख्यात बहुत सी दिव्यांग हस्तियों ने हिस्सा लिया। परिचर्चा का विषय रहा दिव्यांग प्रतिभाओं का अनुभव कि विकलांगता पर कैसे विजय प्राप्त कर दया का पात्र ना बना जाए | सभी ने जहाँ अपने अनुभवों को साझा किया, वहीं एक स्पष्ट संदेश भी दिया कि जीवन में हार मान कर बैठने से अच्छा है प्रयत्न करना।

जीवन में कठनाईयों का होना स्वाभाविक है पर महत्वपूर्ण है उस कठिनाई के प्रति आपकी सोच और उससे पार पाने का जज्बा।| ज्ञानेंद्र मोनिका पांडे जिनका जीवन मूक बधिरों के लिए समर्पित रहा है ने इन सभी लोगो के लिए रोशनी कि किरण दिखाई| कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य विख्यात लोगो में थे डॉक्टर जति, प्रोफ राजेन्द्र जैन ,टेबलटेनिस में जकार्ता पेरा ओलम्पिक खेल चुके प्रमोद गंगराड़े, अंतर्राष्ट्रीय जगत न्यूयॉर्क से अतुल भटारा, लंदन से मार्टिन जो दिव्यांग होने के साथ लंदन क्रिकेट टीम के कोच है और दिव्यांग सिपाही कारगिल में दोनो पैर खोने वाले दीपचंद फौजी | विशेष अथिति के रूप में डिसएबल हाउस को सीईओ प्रीति कपूर इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं ।

आयोजक कृष्णागुरुजी सोशल वेलफेयर सोसायटी के कृष्णागुरुजी जिनकी आध्यात्मिक जगत में गहरी पकड़ है, ने इस कार्यक्रम का महत्व और अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि आज विक्लांगों को समाज की मुख्यधारा के हिस्सा बनाना समाज की जरूरत है जिससे कि हम सब जिंदगी जीने की कला सीख सकें। दिव्यांग अंतर्राष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हिलर कृष्णागुरुजी ने बताया कि हम गूगल पर दिव्यांग प्रतिभाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है ।

आज वक्त है हम सब मिल कर किस प्रकार दूसरे विकलांग दिव्यांगों को स्वालंबन से जीना सिखाए। उन्होंने बताया कि आज के जीवन में हर व्यक्ति विकलांग है, कोई आर्थिक क्षेत्र में तो कोई रिश्तों से विकलांग ।हम दिव्यांगता से सकलांगता स्वालंबन का पाठ दिव्यांगो को देंगे| दिव्यांगोजनों ने समाज के हर क्षेत्र में अपने आप को स्थापित किया है चाहे वह खेल जगत हो, चिकित्सा जगत हो, कला या आध्यात्म, उन्हें हमे प्रेरणा स्त्रोत्र के रूप में देखते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए| इस कार्यक्रम का समापन सभी दिव्यांग महानुभावों ने कृष्णा गुरूजी के सान्निध्य में विश्व की कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना करके किया|एवम् संकल्प लिया की दिव्यांग सैनिक दिवस भी मनाया जाए