दिव्यांग छात्रा कु.रेणुका कुशवाह ने कविता के माध्यम से पुलिस के बीच व्यक्त किये अपने विचार

Akanksha
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इंदौर 27 अगस्त गुरुवार ।

वर्तमान समय में पुलिस के मनोबल को बढ़ाने व उनमें सकारात्मकता लाने के लिये पुलिस के वायरलेस सेट पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘‘गीत हम गाएंगे कोरोना तुम्हें हरायेंगे’’ के अंतर्गत अनुभुति विजन सेवा संस्थान इन्दौर की दृष्टिबाधित छात्रा कु. रेणुका कुशवाह ने वर्तमान परिस्थितियों के लिये प्रासंगिक कविता ‘‘मेरी जिद‘‘ सुनाकर सभी पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाकर उत्साहवर्धन किया गया।

कु. रेणुका कुशवाह अनुभुति विजन सेवा संस्थान इन्दौर मे अध्ययनरत बीए द्वितिय वर्ष की दिव्यांग छात्रा है, जिन्होनें स्वंय द्वारा रचित बहुत ही सुंदर कविता सुनाकर सभी पुलिसकर्मियों में एक नया जोश जगाया।

उक्त कविता सुनाने पर पुलिस महानिरीक्षक इंदौर झोन इंदौर श्री विवेक शर्मा द्वारा कु. रेणुका कुशवाह के द्वारा लिखी कविता की प्रशंसा करते हुए, उन्हें पुलिस का मनोबल बढ़ाने व उत्साहवर्धन करने के लिए धन्यवाद दिया गया।

उक्त कविता –

*जिद करो कि दुनिया बदल जाएं,
जिद हो ऐसी जो गलत को सही कर जाएं।
शहर मे नदिया बहने जाएं कि बजंर धरा भी हरी हो जाएं।
जिद हो हर भूखे को रोटी मिले,
जिद हो ऐसी जो रोते को हँसा जाएं।
जिद हो जो आंधी मे दिया जलाए,
जिद हो ऐसी जो रास्ते के लिए चट्टान हिला जाएं।
हर बात शीश झुकाकर मान लेना बुजदिली है,
कई बार जिद करना भी जरूरी है।
जिद हो सत्य ना छिपे कभी
जिद हो ऐसी कि सत्याग्रह ना रूके कभी।
जिद हो की हार भी जीत मे बदल जाएं,
जिद की ऐसी कि कठिन भी सरल हो जाएं।
जिद हो की अनेक एक हो जाएं,
जिद हो ऐसी की बदी नेक हो जाएं
जिद हो जो बालि को भी वाल्मिकी कर दे,
जिद हो ऐसी की जो अंधेरे मे रोशनी भर दे।
जिद करो कि तारे धरती पे उतरने लगे,
ख्वाब किसी और के पूरे करो कि कोई और तुमसे भी प्यार करने लगे।
मुश्किल के इस वक्त मे हमे नही है घबराना,
कोरोना है देश मे हम सब को मिलकर है इसे हराना।
बाहर की यात्रा ना करे, ऐसा रोग है छाया,
पर अंदर की यात्रा करने ऐसा सहयोग आया।
कुछ ही दिन मे विजय फताका फिर लहराऐगे,
फिर जीवन खुशहाली भरेगा, जीव सभी मुस्कुराऐगें।
मोदी जी की इस जिद को निश्चित ही हमे अपनाना है,
कारोना है देश मे हम सब को मिलकर इसे हराना है।