इंदौर 3 सितंबर। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने कोरोना के संबंध में डेथ ऑडिट कमेटी के सुझाव पर संभाग के सभी ज़िलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा है कि कोविड-19 से संक्रमित होने पर मरीज़ को तत्परता से उपचार उपलब्ध कराया जाना ज़रूरी है। मरीज़ देरी से अस्पताल आते हैं इस कारण कई बार विपरीत परिस्थिति निर्मित होती है। अत: यह ज़रूरी है कि प्रारंभिक अवस्था में ही मरीज़ अस्पताल आ जाएँ। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि समस्त प्राइमरी कान्टेक्ट में आईसीएमआर गाइड लाइन के अनुसार अधिक से अधिक सैंम्पलिंग की जाए, ताकि संक्रमित व्यक्ति शीघ्र पकड़ में आ सके एवं उसका समय पर उपचार प्रारंभ होगा तो मृत्यु होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। साथ ही सर्वे कार्य ठीक से नहीं होने के कारण मरीज़ देरी से अस्पताल पहुँचते हैं, इससे भी मृत्यु दर ज़्यादा हो रही है अत: सर्वे के कार्य को प्राथमिकता दी जाए, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी।
संभागायुक्त ने सभी सीएमएचओ को निर्देशित किया है कि सार्थक ऐप पर अपने ज़िले के सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को रजिस्टर कराकर उन्हें निर्देशित करें कि जैसे ही कोविड लक्षण वाले पेशेंट उनके पास आते हैं वे तत्काल सीएमएचओ कार्यालय अथवा जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें, ताकि तत्काल आरआरटी टीम को सैंपल कलेक्शन हेतु भेजा जा सके। समिति द्वारा सुझाव दिया गया है कि आईएमए प्रेसीडेंट संभाग के ज़िलों के निजी चिकित्सकों को भी सार्थक ऐप में जोड़ने के संबंध में अपील करें। हास्पिटल में भर्ती सभी क्रिटिकल पेशेंट की आवश्यकता अनुसार पैथोलॉजीकल टेस्ट कराने के संबंध में भी निर्देश संभागायुक्त द्वारा दिए गए हैं। डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा यह भी सुझाव दिया गया है कि कोविड पेशेंट में स्वाइन फ्लू का भी इंफेक्शन हो सकता है। कमेटी द्वारा यह भी सुझाव दिया गया है कि हास्पिटल में क्रिटिकल कोविड मरीज़ों का सुपरविज़न क्लिनिकल हेड स्वयं करें। संभागायुक्त डॉ. शर्मा द्वारा संभाग के सभी सीएमएचओ को निर्देशित किया गया है कि फीवर क्लीनिक के डेटा का एनालिसिस स्वयं करें। जिन क्षेत्रों में मरीज़ आ रहे हैं वहाँ आवश्यक रूप से सर्वे कराया जाए एवं आवश्यकता अनुसार आईएलआई के सैंपल लिए जाएं। डीन मेडिकल कॉलेज द्वारा इंदौर संभाग के प्रत्येक ज़िले के लिए नोडल अधिकारी एवं क्लिनिकल हेड की सूची जारी की गई है। संभागायुक्त द्वारा संभाग के सभी सीएमएचओ से कहा गया है कि क्रिटिकल कोविड पेशेंट का इलाज करते समय यदि किसी तरह के क्लीनिकल हेल्प और परामर्श की आवश्यकता हो तो क्लीनिकल हेड से दूरभाष में संपर्क करें। कोविड पेशेंट को रेफ़र करने के पूर्व नोडल अधिकारियों से चर्चा की जाए।