परिवहन विभाग से परेशान, हड़ताल करेंगे इंदौर के ऑटो रिक्शा चालक?

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इंदौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ(Indore Auto Rickshaw Driver Federation) ने यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की कार्यवाही के विरोध में अनिश्चितकालीन चक्का बंद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के संस्थापक राजेश बीडकर, प्रवीण वाडेकर, मनोज प्रजापति, तपेश मोदी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि वर्तमान में इंदौर शहर में 22000 ऑटो रिक्शा का संचालन किया जा रहा है। जिसमें कई गाड़ियों के गजात पुरे ना होने के कारण उच्च न्यायालय ,जबलपुर के आदेश के बाद इंदौर शहर का परिवहन विभाग अपनी मनमानी कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने कोर्ट की चालानी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों ऑटो रिक्शा वाहन जप्त कर लिए है। जिस पर 10,000 15,000 और 20000 तक दंड, न्यायालय द्वारा किया जा रहा है,जबकि इधर रिक्शा चालकों की हालत कोरोना काल से बहुत दयनीय है। इस कारण वह अपने गाड़ी के कागज़ पूर्ण नहीं करा पाए।

उनका कहना हैं कि आदेश के नाम पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग नाजायज रूप से ऑटो रिक्शा चालकों को परेशान कर रहा है। यातायात पुलिस ने इसे वसूली का एक जरिया बना लिया है। इस संबंध में ऑटो रिक्शा चालक महासंघ ने इंदौर में आज परिवहन अधिकारी जितेंद्र सिंह से चर्चा की जिनमें उन्होंने अपनी मांगे रखी।

ऑटो रिक्शा चालक महासंघ ने मांग की है कि ऑटो रिक्शा के कागजात पूर्ण ना होने पर स्पॉट फाइन की व्यवस्था परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस द्वारा की जाए।

दूसरी मांग ये है कि इंदौर परिवहन विभाग जल्दी से जल्दी एक माह का शिविर आयोजित करें जिसमें मीटर सत्यापन, परमिट, फिटनेस, और ऑटो रिक्शा चालकों की सभी समस्याओं का एक छत के नीचे समाधान शासकीय शुल्क पर हो सके, जिससे कि अवैध रूप से चल रहे ऑटो रिक्शा के कागज वैध हो सके, और गरीब ऑटो रिक्शाचालकों को चालानी कार्रवाई का शिकार ना होना पड़े।

बीडकर ने यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को चेतावनी देते हुए बताया कि जल्द से जल्द ऑटो रिक्शा चालकों के हित में निर्णय नहीं लिया गया तो कोर्ट चालानी कार्रवाई के विरोध में इंदौर के 22000 ऑटो रिक्शा चालक अनिश्चितकालीन चक्का बंद हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।