उज्जैन। कलेक्टर आशीष सिंह ने आज बृहस्पति भवन में छोटे और मद्यम उद्योगों को लगाने के इच्छुक उद्यमियों से चर्चा की। कलेक्टर ने बताया कि जिले में उद्योगों के लिये 120 हेक्टेयर जमीन का लैंडपूल बनाया गया है। उद्यमियों के लिये चयनित की गई अधिकांश जमीन देवास-बदनावर के नये नेशनल हाईवे व इन्दौर रोड के निकट ब्रजराजखेड़ी, नागदा हाईवे पर रूईगढ़ा, पंवासा में उपलब्ध है। कलेक्टर ने सभी उद्यमियों की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली तथा महाप्रबंधक उद्योग को निर्देश दिये कि वे पांच-पांच एकड़ के क्लस्टर में रेडीमेड गारमेंट व दोना-पत्तल व्यवसाईयों को जमीन आवंटित करने के लिये कार्यवाही करें।
साथ ही उन्होंने उज्जैन में 15 से 20 एकड़ में फूड क्लस्टर बनाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे उद्यमियों को प्राथमिकता से जमीन आवंटित की जायेगी जो ढाई से तीन माह में अपना उद्योग लगाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर देंगे।बैठक में महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार छोटे उद्यमियों को क्लस्टर में पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा सकती है। इसका विकास डेवलपर द्वारा किया जायेगा। यहां पर मिलती-जुलती गतिविधि करने वाले उद्यमी अपना उद्योग लगा सकेंगे। उन्होंने रेडीमेड गारमेंट्स, इंजीनियरिंग, दोना-पत्तल, पोहा आदि व्यवसाईयों का क्लस्टर बनाकर जमीन आवंटन करने की बात कही।
बैठक में दोना-पत्तल व्यवसाईयों ने प्रत्येक व्यवसाई के लिये 5 से 10 हजार वर्गफीट के प्लाट आवंटन की बात रखी। इसी तरह प्लास्टिक इण्डस्ट्री के उद्यमियों ने क्लस्टर में न्यूनतम पांच एकड़ जमीन आवंटित करने की बात कही। प्लास्टिक रिप्रोसेस उद्योग में उज्जैन प्रदेश में नम्बर-1 स्थान पर है। इसी तरह दोना-पत्तल व्यवसाय भी सर्वाधिक रोजगार करने वाला है। बैठक में सुपारी के पत्तों से एक्सपोर्ट क्वालिटी के डिस्पोजेबल बनाने वाले परेश शर्मा ने भी अपने उद्योग के लिये जमीन आवंटित करने की मांग रखी। बैठक में अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक एआर सोनी, उद्योगपति आनन्द बांगड़, कालरा, अतुल जैन, गिरीश जायसवाल सहित अन्य उद्यमी मौजूद थे।