इंदौर। कांग्रेस के दिग्गज नेता तथा पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे पिंटू जोशी पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। पार्टी हाई कमान ने गुरुवार देर रात 88 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 से पिंटू जोशी को टिकट दिया गया है जबकि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 से सत्यनारायण पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है। इस तरह कांग्रेस ने एक युवा और एक अनुभवी नेता पर भरोसा किया है।
उधर भाजपा ने अभी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन और पांच के प्रत्याशियों को नाम का ऐलान नहीं किया है। बताया गया है कि पिंटू जोशी पिछले दो चुनाव से टिकट के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन दोनों बार उनके चचेरे भाई अश्विन जोशी टिकट लाने में कामयाब हो गएथे, लेकिन इस बार पार्टी ने अश्विन जोशी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन इस बार पार्टी ने पिंटू जोशी पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान मे उतारा है। पिंटू जोशी कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह गुट के है। टिकट दिलाने मे उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
दिग्विजय सिंह के कोटे से पिंटू जोशी को मिला तोहफा
नवरात्रि के पांचवें दिन कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात जारी की। सूची जारी होने से पहले दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की तीन बैठके आयोजित हुई, इस बैठक मे प्रत्याशियों के नाम पर खूब मंथन हुआ। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन के लिए तीन प्रबल दावेदार वरिष्ठ नेता अश्विन जोशी, अरविंद बागड़ी और दीपक पिंटू जोशी माने जा रहे थे। बैठक मे इन तीनों नाम पर काफी देर तक मंथन हुआ।
टिकट तीनो ही दावेदार अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहे थे, लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति के सामने पिंटू जोशी का नाम मजबूती के साथ रखा गया था। बताया गया है कि पिंटू जोशी का क्षेत्र में अच्छा दबदबा है और मिलनसार होने के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों से संपर्क भी बहुत अच्छा है। पिछले दो चुनाव लगातार हारने के कारण वरिष्ठ नेता अश्विन जोशी के लिए भी कई दिग्गज नेता लगे हुए थे। हालांकि टिकट तो घर मे ही गया है केवल प्रत्यासी बदल गया है।
25 साल बाद कांग्रेस ने एक और भाजपा ने चार चेहरे बदले
पिछले पांच विधानसभा चुनाव से कांग्रेस, अश्विन जोशी पर ही भरोसा करती रही है। 98 से लेकर 2018 तक अश्विन ने कुल 5 चुनाव लड़े जिसमें से तीन में विजय हासिल की और दो चुनावों में पराजित का मुंह देखना पड़ा। पिछले दो चुनाव हारने के कारण ही कांग्रेस को चेहरा बदलना पड़ा। अश्विन 1998, 2003 और 2008 मे चुनाव जीते, जबकि 2013 और 2018 मे हार का सामना करना पड़ा था। इसी प्रकार भाजपा ने वर्ष 98 से 2018 के बीच इन 25 साल में हुए पांच चुनावों मे चार चेहरे बदले। 1998 मे गोपीकृष्ण नेम, 2003 मे राजेंद्र शुक्ला, 2008 में गोपीकृष्णा नेमा, 2013 में उषा ठाकुर वह 2018 में आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिए।
पहले महेश जोशी फिर अश्विन जोशी अब पिंटू जोशी
जोशी परिवार और विधानसभा चुनाव का बड़ा गहरा तालुका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेश जोशी ने 1980 मे पहली बार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 से चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी। पहले चुनाव में महेश जोशी ने भाजपा के राजेंद्र धारकर को परास्त किया था। इसके बाद 1985 में महेश जोशी फिर से इसी क्षेत्र से चुनाव लड़े और और सुमित्रा महाजन को पराजित किया था। इसके बाद 90 मे गोपी नेमा ने महेश जोशी को हराया। 98 मे अश्विन जोशी को पहली बार विधानसभा का टिकट मिला। वे 2018 तक चुनाव लड़ते रहे। इस तरह महेश जोशी ने तीन चुनाव लड़े 2 जीते 1 हारा। अश्विन जोशी ने 5 चुनाव लड़े तीन जीते, दो हारे। अगले महीने 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार पिंटू जोशी मैदान में है। जोशी परिवार का यह 9 वा चुनाव है।
1985 से 2018 के बीच हुए चुनाव के परिणाम इस प्रकार रहे-1985
महेश जोशी – 23253
सुमित्रा महाजन – 18150
जीत का अंतर – 5103
1990
गोपीकृष्ण नेमा – 21344
महेश जोशी – 17157
जीत का अंतर – 4187
1993
गोपीकृष्ण नेमा – 30602
अनवर खान – 20888
जीत का अंतर – 9714
1998
अश्विन जोशी – 26657
गोपीकृष्ण नेमा – 23527
जीत का अंतर – 3130
2003
अश्विन जोशी – 29267
राजेन्द्र शुक्ला – 24305
जीत का अंतर – 4962
2008
अश्विन जोशी- 45000
गोपी नेमा – 44598
जीत का अंतर – 402
2013
उषा ठाकुर – 68334
अश्विन जोशी – 55016
जीत का अंतर – 13318
2018
आकाश विजयवर्गीय – 67075
अश्विन जोशी – 61324
जीत का अंतर – 5751