देश में आएगी डिजिटल क्रांति, मोदी कैबिनेट ने दी PM Wi-Fi को मंजूरी, जाने पूरी खबर

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नई दिल्ली। बुधवार को नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को प्रस्ताव भेजने के लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें केंद्रीय नेताओं को शामिल किया गया और उसने सलाह-मशवरा किया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और संतोष गंगवार ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी।

बैठक के दौरान डिजिटल क्रांति को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार द्वारा लिया गया फैसला सुनाया। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सरकार देश में 1 करोड़ डाटा सेंटर खोलने जा रही है, और इस योजना का नाम प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस इंटरफेस रखा गया है। जिसके जरिए देश भर में वाई-फाई की मदद से डिजिटल क्रांति लाई जाएगी।

वही कैबिनेट बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, “आज बैठक में देश में 1 करोड़ नए डाटा सेंटर खोलने की एक बड़ी योजना, लक्षद्वीप में अंडमान जैसी ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी की योजना और अरुणाचल के ऐसे इलाके जहां टेलीफोन की कोई सुविधा नहीं है वहां 4जी देने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया।”

साथ ही इस नए फैसले के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न हैं देश के डिजिटल सशक्तिकरण और देश को डिजिटली मज़बूत करने का। इसी क्रम में PM WANI (प्रधानमंत्री वाय-फाय एक्सेस इंटरफेस) देश में वाय-फाय के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने आगे बताया कि, इसके तहत सबसे पहले एक पब्लिक डाटा ऑफिस (PDO) खोला जाएगा। इस पब्लिक डाटा ऑफिस के लिए न कोई लाइसेंस होगा न कोई रजिस्ट्रेशन न ही कोई फीस। पब्लिक डाटा एग्रीगेटर (PDA) का काम है PDO का ऑथराइजेशन और अकाउंटिंग देखना इसका काम होगा। साथ ही सरकार की ओर से यह डाटा ऑफिस, डाटा एग्रिगेटर, ऐप सिस्टम के लिए 7 दिनों में सेंटर खोलने की इजाजत दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, लक्षद्वीप के द्वीपों में भी फाइबर कनेक्टविटी को जोड़ा जाएगा। कोच्चि से लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में 1000 दिन में कनेक्टविटी पहुंचाई जाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि, देश में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लागू की जाएगी, जिसके तहत कुल 2020-2023 तक 22 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस योजना के तहत करीब 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा मिल सकेगा।

उन्होंने आगे बताया कि, मार्च 2020 से अगले साल तक जो लोग नौकरी पर लग रहे हैं, इनका ईपीऍफ़ (EPF) अंशदान सरकार की ओर से दिया जाएगा। जिस कंपनी में 1000 से कम कर्मचारी हैं उनका 24 फीसदी EPF अंशदान सरकार देगी। उन्होंने यह भी बताया कि, मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में 6 करोड़ रोजगार थे जो अब बढ़कर 10 करोड़ रोजगार मिल चुके हैं।