भोपाल : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद श्री दिग्विजय सिंह जी, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट प्रभाष जेटली व NGT याचिका कर्ता राशिद नूर खान के बुलावे पर भोपाल के चंदनपुरा क्षेत्र में हो रही अवैध कटाई का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। श्री दिग्विजय सिंह जी ने 6 फरवरी 2020 के NGT के लगभग 375 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित वन बनाने के आदेश में चंदनपुरा इलाके की मैपिंग का स्थल व चंदनपुरा में ही मास्टर प्लान में प्रस्तावित 24 मीटर रोड का भी आज निरीक्षण किया। पूर्व सीएम आज चंदनपुरा क्षेत्र के खसरा नम्बर 75 के उस स्थल पर भी पहुंचे जहां 12 मार्च 2020 को 203 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया था।
संरक्षित वन क्षेत्र को लेकर बाघ मित्र श्री प्रभाष जेटली ने पूर्व सीएम को बताया कि इस क्षेत्र में करीब 18 बाघों का मूवमेंट है जो कि वन विभाग में अधिकृत रूप से पंजीबद्ध हैं। श्री जेटली ने बताया कि वर्तमान में इस संरक्षित वन में एक बाघिन अपने 3 शावकों के साथ भ्रमण कर रही है और ये क्षेत्र अब बाघों के नैसर्गिक प्रजनन का क्षेत्र बन गया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 2018 की टाइगर सेन्सस गणना के आधार पर 20 अप्रैल 2020 को रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें मध्य भारत के वर्णन में राजधानी भोपाल में बाघों के भ्रमण की बात वर्णित की गई।
बाघ भ्रमण क्षेत्र के संरक्षण की लड़ाई लड़ रहे NGT याचिकाकर्ता राशिद नूर खान ने बताया कि NGT के मैपिंग के फाइनल आदेश के बाद बाघ भ्रमण क्षेत्र को खत्म करने के लिए पिछले साल लॉक डाउन के दौरान बड़े स्तर पर 3 बार जंगल काटा गया और 2 बार जंगल में आग लगाई गई। ये न सिर्फ NGT के आदेशों का सीधा उल्लंघन है बल्कि बाघ भ्रमण क्षेत्र में अतिक्रमण का भी मामला है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी की हमेशा से वाइल्ड लाइफ संरक्षण में रुचि रही है। इसीलिए वे अपनी व्यक्तिगत रुचि की वजह से भी आज चंदनपुरा पहुंचे थे। 2001 में कांग्रेस के शासनकाल में इसी चंदनपुरा इलाके में दिग्विजय सिंह जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए करीब 75 हेक्टयर की राजस्व भूमि हाईटेक प्लांटेशन के लिए दी थी उसी भूमि पर हुए वृक्षारोपण को आज उन्होंने नजदीक से देखा।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी ने चंदनपुरा और बैरागढ़ चीचली के संरक्षित वन क्षेत्रों के आस पास के इलाकों में नियमों और कानूनों की परवाह न करते हुए अवैध निर्माण, अवैध खनन, जंगल की अवैध कटाई व भू माफियाओं को पनाह देने वाले नेताओं और अधिकारियों की कारगुजारियों को गंभीरता के साथ देखा। इस संबंध में श्री दिग्विजय सिंह जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि “मेरा इसमें इन्ट्रेस्ट ये है, की इस पूरे इलाके में जो टाईगर मूवमेंट होता है उसकी जो आबादी है वो सुरक्षित रहे, क्योंकि मैंने हमेशा से मेन एनीमल कान्फलीक्ट पर बहुत ध्यान दिया है, मुख्यमंत्री रहते हुए, मंत्री रहते हुए भी और उसके बाद भी वन्य जीवों में मेरी रुचि रही है।
हम चाहते हैं कि इसमें टाईगर मूवमेंट में कोई बाधा ना हो, हमारे जो लोग हैं गांव वाले हैं जो इस इलाके में रहते हैं उनके मवेशी हैं वो भी सुरक्षित रहें, ताकि इस मेन एनीमल कोन्फलीक्ट को कंट्रोल कर सके। उन्होंने कहा कि मुझे राशिद भाई ने बताया है कि इस पूरे इलाके में जो टाईगर मूवमेंट होता है उसके क्षेत्र को एनजीटी ने संरक्षित वन करने के निर्देश दिये हैं। उसकी मैं जानकारी ले रहा हूं और यदि ऐसे आदेश हुए हैं तो उसका पालन हम लोग कैसे करायें ताकि उसका निराकरण हमलोग करवा सकें। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में जब मैं मुख्यमंत्री था तो इस पहाड पर लगभग 75 हेक्टेयर जमीन हमने हाईटेक प्लांटेशन के लिये रेवेन्यु से फोरेस्ट को दी थी उसका भी मुझे निरिक्षण करना था उसके लिये में आया था।
पत्रकारों के एक और सवाल के जवाब में श्री दिग्विजय सिंह जी ने कहा कि भोपाल में पिछले 15 साल से ज्यादा यानि 2003 से लेकर अब तक माफियाओं का राज रहा है। चाहे बिल्डर माफिया हो, रेत माफिया हो, जंगल माफिया हो क्योंकि भाजपा शासन में शासक, प्रशासक और व्यवसायी इन तीनो में गठबंधन हो जाता है। प्रोफिट सेयरिंग हो जाती है तो फिर नियम कायदे उसमें कहीं सामने नहीं आते। इसीलिए जब कमलनाथ जी ने इन माफियाओं पर कार्यवाही करना प्रारंभ किया तो स्वयं शिवराज जी ने कहा था कि अगर इनकी सरकार नहीं गिराते तो हम बरबाद हो जाते। कौन बरवाद हो जाते? भ्रष्ट शासक और नियम तोडकर पैसा कमाने वाले व्यवसायी।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी ने चंदनपुरा बाघ भ्रमण इलाके के निरीक्षण के बाद इस पूरे मामले को उच्च स्तर पर उठाने की बात कही जिससे वन्य जीव प्राणियों के क्षेत्रों में माफियाओं द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण को रोका जा सके।