दिग्गी ने की अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाने को लेकर शिवराज से मांग

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सम्पूर्ण विश्व में 9 अगस्त ”विश्व आदिवासी दिवस“ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के साथ-साथ उनकी सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा को लेकर यह दिवस घोषित किया गया था ताकि आदिवासी समुदाय अपने मूल अधिकारों को लेकर एकजुट हो सकें। आदिवासी विकास परिषद बालाघाट के जिला अध्यक्ष श्री शुभम हीरासन उइके ने मुझे पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि विश्व आदिवासी दिवस के रूप में जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

इस दिवस को समारोह पूर्वक मनाये जाने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी ने वर्ष 2019 में प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और प्रदेश स्तर पर अनेक शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। तत्समय राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों में समारोह आयोजित किये जाने के लिये 50 हजार रूपये प्रति विकासखण्ड के मान से राशि भी आवंटित की थी। अत्यंत खेद का विषय है कि विगत वर्ष में न तो इस दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया और न ही समारोह आयोजित किये जाने के लिये राशि ही आवंटित की गई। आपको विदित है पूरे देश में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ सर्वाधिक आदिवासी समाज निवासरत है। जो प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21 प्रतिशत् से अधिक है। मध्यप्रदेश के विकास में इस समाज की महती हिस्सेदारी है।

मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा अपने 4 दिवसीय पावस सत्र की शुरूआत 9 अगस्त 2021 से की जा रही है। मेरा आपसे अनुरोध है कि मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज की भावनाओं के अनुरूप विधानसभा सत्र की तारीख एक दिन के लिये आगे बढ़ाते हुए 9 अगस्त 2021 को पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाये जाने के निर्देश जारी करने का कष्ट करें।

सहयोग के लिये मैं आपका आभारी रहूँगा।
(दिग्विजय सिंह)

श्री शिवराज सिंह चौहान जी
माननीय मुख्यमंत्री,
मध्यप्रदेश शासन, भोपाल

प्रतिलिपि:- श्री शुभम हीरामन उइके, आदिवासी विकास परिषद बालाघाट की ओर सूचनार्थ प्रेषित।

(दिग्विजय सिंह)

प्रिय श्री गिरीश गौतम जी,

मध्यप्रदेश विधानसभा का 4 दिवसीय पावस सत्र आगामी 9 अगस्त से आहुत किया गया है जिसमें मध्यप्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के आरक्षित 47 सीटों से निर्वाचित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। सम्पूर्ण विश्व में 9 अगस्त ”विश्व आदिवासी दिवस“ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के साथ-साथ उनकी सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा को लेकर यह दिवस घोषित किया गया था ताकि आदिवासी समुदाय अपने मूल अधिकारों को लेकर एकजुट हो सकें। आदिवासी विकास परिषद बालाघाट के जिला अध्यक्ष श्री शुभम हीरासन उइके ने मुझे पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि विश्व आदिवासी दिवस के रूप में जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और इस दिन समाज के लोग अपनी उन्नति के लिये चिंतन-मनन करते हैं।

इस दिवस को समारोह पूर्वक मनाये जाने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी ने वर्ष 2019 में प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और प्रदेश स्तर पर अनेक शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। तत्समय राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों में समारोह आयोजित किये जाने के लिये 50 हजार रूपये प्रति विकासखण्ड के मान से राशि भी आवंटित की थी। अत्यंत खेद का विषय है कि विगत वर्ष में न तो इस दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया और न ही समारोह आयोजित किये जाने के लिये राशि ही आवंटित की गई। आपको विदित है पूरे देश में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ सर्वाधिक आदिवासी समाज निवासरत है। जो प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21 प्रतिशत् से अधिक है। मध्यप्रदेश के विकास में इस समाज की महती हिस्सेदारी है।

मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा 4 दिवसीय पावस सत्र की शुरूआत 9 अगस्त 2021 से की जा रही है। विधानसभा सत्र का प्रथम दिवस होने से मध्यप्रदेश शासन के मंत्री सहित आदिवासी वर्ग के विधायकों को सदन में उपस्थित रहना होगा ऐसी स्थिति में ये जनप्रतिनिधि अपने जिले सहित विधानसभा क्षेत्र में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग नहीं ले सकेंगे।

मेरा आपसे अनुरोध है कि अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के महत्व को समझते हुए आदिवासी समाज की भावनाओं के अनुरूप विधानसभा सत्र की तारीख एक दिन के लिये आगे बढ़ाने का कष्ट करें।

सहयोग के लिये मैं आपका आभारी रहूँगा।

सादर,

आपका
/
(दिग्विजय सिंह)

श्री गिरीश गौतम
अध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधानसभा
भोपाल, मध्यप्रदेश

प्रतिलिपि:- श्री शुभम हीरामन उइके, आदिवासी विकास परिषद बालाघाट की ओर सूचनार्थ प्रेषित।

(दिग्विजय सिंह)