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विवेक विद्यालय के पूर्व छात्र निकले रियल हीरो, 90 गरीब बच्चों की पढ़ाई करवाई फ्री और सीरीब्रल पाल्सी पीड़ित को दी नई ज़िंदगी

विवेक विद्यालय के पूर्व छात्र निकले रियल हीरो, 90 गरीब बच्चों की पढ़ाई करवाई फ्री और सीरीब्रल पाल्सी पीड़ित को दी नई ज़िंदगी

मुंबई के गोरेगांव स्थित विवेक विद्यालय और कॉलेज के पूर्व छात्रों की संस्था Vivek Alumni Association (VAA) ने एक बार फिर से मिसाल कायम की है। पहले जहां उन्होंने अपने पुराने स्कूल के 90 आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की फीस का खर्च उठाया, वहीं अब उन्होंने एक कक्षा 8 के दिव्यांग छात्र की सर्जरी के लिए भी आर्थिक मदद दी है।

कैप्टन आर. सुब्रमणियन की स्मृति में हुआ नेक कार्य

VAA ने यह मदद कैप्टन आर. सुब्रमणियन की 25वीं शहादत वर्षगांठ पर की। कैप्टन सुब्रमणियन 2000 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे। वे विवेक विद्यालय के छात्र रहे थे। उनकी याद में 90 बच्चों की फीस दी गई थी।

मां ने मांगी थी मदद, पूर्व छात्रों ने सुनी पुकार

जब फीस वितरण समारोह में नीलम सोनावणे नाम की महिला अपनी बेटी के लिए चेक लेने आईं, तब उन्होंने VAA से अपने बड़े बेटे भूषण सोनावणे की मदद की गुहार लगाई। भूषण, जो कक्षा 8 में पढ़ता है, 2 साल की उम्र से सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित है। उनके पिता एक स्कूल वैन चालक हैं और मां घरेलू महिला हैं।

भूषण की सर्जरी के लिए ₹30,000 की मदद

भूषण को वाडिया अस्पताल में इलाज मिल रहा है और एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है। इस बात को समझते हुए, VAA ने ₹30,000 की आर्थिक मदद दी है जिससे भूषण की सर्जरी और इलाज का खर्च पूरा हो सके।

हर महीने की दवाइयों में भी मदद की कोशिश

VAA की चेयरपर्सन अयश्री उन्नी ने बताया कि हम भूषण की सर्जरी की पूरी लागत उठा रहे हैं और साथ ही यह भी देख रहे हैं कि क्या हम हर महीने की दवा की लागत (₹3,500-4,000) में भी कुछ सहयोग कर सकते हैं।

समाज के लिए एक प्रेरणादायक कदम

विवेक विद्यालय के पूर्व छात्रों ने ये दिखा दिया कि स्कूल से मिलने वाला रिश्ता केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं होता। यह कदम न केवल एक बच्चे की ज़िंदगी बदल सकता है, बल्कि समाज को भी सकारात्मक दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है।

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