45 दिन की थी, जब उसे सड़क किनारे रस्सी से बांधकर छोड़ दिया गया था. ना कोई सहारा, ना उम्मीद। लेकिन किसे पता था कि यही मासूम लैब्राडोर एक दिन ब्रश उठाएगी और ऐसा कमाल करेगी कि लोग कहेंगे. “वाह! क्या कला है!” अब यही डॉगी डाली न सिर्फ इंटरनेट की सेंसेशन है, बल्कि भारत की पहली डॉग पेंटर भी बन चुकी है।
जब जिंदगी ने दिया दूसरा मौका
कोलकाता की गलियों में एक दिन एक मासूम सी 45 दिन की लैब्राडोर पपी को किसी ने रस्सी से बांधकर छोड़ दिया था। शायद उसकी किस्मत में भटकना लिखा था, लेकिन तभी उसे मिला प्यार, घर और नई पहचान के साथ उसे गोद लिया होई चौधरी और स्नेहांशु देबनाथ ने। दोनों ने कभी नहीं सोचा था कि यह छोटा-सा डॉगी एक दिन ‘पेंटर डॉगी’ बन जाएगा।
ब्रश छीनने से लेकर ब्रश चलाने तक
डाली को जब भी उसके मालिक पेंटिंग करते दिखते, वह मज़े से ब्रश छीनकर भाग जाती। एक दिन मज़ाक में होई ने कहा कि “लगता है ये भी पेंटिंग करना चाहती है!” और क्या था, एक दिन उसे कैनवास के सामने लाया गया, उसके जबड़े में फिट होने वाला लकड़ी का ब्रश दिया गया… और डाली ने पहला स्ट्रोक मारा। वह पल जैसे जादू भरा था।
पेंटिंग्स बनीं ज़िंदगी बदलने का जरिया
डाली अब कस्टम एब्स्ट्रैक्ट पेंटिंग्स बनाती है। उसकी हर पेंटिंग सिर्फ रंग नहीं, बल्कि उम्मीदें बिखेरती है। अब तक उसकी पेंटिंग्स से 35,000 रुपए से ज्यादा जमा किए जा चुके हैं, जो घायल और बेसहारा जानवरों के इलाज में लगाए गए हैं। उसकी बनाई हर कलाकृति किसी न किसी के जीवन में उम्मीद की किरण बनती है।
इंटरनेट की नई सुपरस्टार डॉगी
डाली की कहानी वायरल हो चुकी है। इंस्टाग्राम पर उसके 50,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। लोग न सिर्फ उसकी पेंटिंग्स खरीदते हैं, बल्कि उसकी कहानी से भी जुड़ते हैं। एक यूजर ने लिखा, “जिसे दुनिया ने छोड़ दिया, वो आज दूसरों की दुनिया रोशन कर रहा है।”