बंगाल में इन दिनों चुनावी माहौल चल रहा है ऐसे में दीदी वर्सेस दादा दोनों ही तगड़ी टक्कर में है। जहां एक तरफ भाजपा ने दिल्ली की तर्ज पर पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं वहीं ममता बेनर्जी अकेले इन सब से टक्कर ले रही है। बीजेपी ने यहां करीब 30 मंत्री, 90 सांसद, 150 विधायकों के साथ सवा लाख से ज्यादा संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज को चुनाव में झोंक दिया है। लेकिन ममता बनर्जी अकेले ही इस चुनावी माहौल को संभल रही है। ऐसे ही हालात दिल्ली चुनाव में थे जब अरविंद केजरीवाल ने अकेले मोर्चा संभाला और दूसरी बार भी वहां जीत दर्ज करवाकर अपनी सरकार बनाई है।
जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से प्रथम चरण में 30 सीटों पर मतदान हो चुका है वहीं सवा लाख कार्यकर्ता दूसरे चरण में 1 अप्रैल को 30 और सीटों पर मतदान होना है, जिसके परिणाम 2 मई को आएंगे। जानकारी के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां मात्र 3 सीटें मिली थी, जबकि इस बार पार्टी ने यहां 200 पार का लक्ष्य बनाया है। वहीं भाजपा के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को प्रभारी बनाने के बाद से ही वे बंगाल में डेरा डाले हुए हैं।
बता दे, टीवी चैनल्स और प्रायवेट एजेंसियों ने भी बंगाल में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। सर्वे में यह भी पता चला है कि वाममोर्चे का जो वोट पहले भाजपा को मिला था अब वो वापस चला गया है, इसलिए भाजपा ने दूसरे चरण के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके अलावा असम की बात करें तो भाजपा ने वहां ताकत लगाना कम कर दी है, जिसके कारण वहां अब कांग्रेस की सरकार बनना तय माना जा रहा है। जेपी नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह के कारण तारीखों का एलान होने से पहले तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री, विधायक और गद्दावर नेता बंगाल में झोंके पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं जिन्हें भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।