धार। धार जिले मे लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और इत्तेफाक है कि मध्य प्रदेश में शराब के ठेके भी चल रहे हैं। शराब के ठेके की नीलामी के साथ आदिवासियों की जान की नीलामी भी धार का खिलाफ सिंडिकेट कर रहा है। धार के शराब सिंडिकेट के द्वारा प्राप्त लग्जरी कार रेंज रोवर पर चढ़ने वाले असिस्टेंट कमिश्नर विक्रमदीप सागर ने अपनी टीम भेज कर धार से 15 किलोमीटर दूर ग्राम तिरला में धार जिला पंचायत के सदस्य के पुत्र के ऊपर न सिर्फ गाड़ी चढ़ाई, बल्कि आबकारी के अधिकारी और ठेकेदारों ने मिलकर उसे इतना मारा की घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
सिंडिकेट का ठेका 2024 -25 के लिए शुरू होने पर अभी 24 घंटे बाकी है और धार जिले में आदिवासी जिला पंचायत सदस्य के बेटे की शराब ठेकेदारों ने और आबकारी के अधिकारियों ने मिलकर हत्या कर दी। धार- झाबुआ -अलीराजपुर- खरगोन -बड़वानी -खंडवा का आदिवासी बेल्ट इन शराब ठेकेदारों के आतंक से परेशान हैं।
इंदौर और धार तथा झाबुआ के ठेकेदारों ने मिलकर जिस सिंडिकेट को बनाया है, यह सिंडिकेट गुजरात में भारी मात्रा में अवैध शराब भेजता है ,और आज धार जिले में ही यह अवैध शराब का ट्रक जा रहा था , जिसको रोकने के लिए जिला पंचायत सदस्य के बेटे ने प्रयास किया और परिणाम स्वरुप न उसके ऊपर केवल ट्रक चढ़ा दिया गया बल्कि आबकारी के अधिकारियों ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव जी झाबुआ के आदिवासियों के भगोरिया उत्सव में आए थे। और माननीय प्रधानमंत्री भी आदिवासियों के तथा उनके नायक टाटा भील के प्रति अपने श्रद्धा दिखाते हैं, परंतु यह कोई नहीं देख रहा है, कि धार जिले में स्थापित शराब सिंडिकेट आबकारी के अधिकारी तथा असिस्टेंट कमिश्नर के साथ मिलकर भोले भाले आदिवासियों पर न सिर्फ फर्जी केस दर्ज करते है, बल्कि वर्तमान समय में ट्रक चढा के हत्या भी कर देता है।
इस हत्या का जिम्मेदार कौन होगा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की धार जिला मध्य प्रदेश के विधानसभा के विपक्ष के नेता का गृह जिला है ,और उमंग सिंगार आदिवासियों की अधिकारों के लिए हमेशा लड़ते रहे ,ऐसी स्थिति पर आदिवासी जिला पंचायत सदस्य के बेटे के ऊपर शराब के गुंडो ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अधिकारियों के द्वारा ट्रक चला कर मारना यही बताता है कि भाजपा को न आदिवासियों की फिक्र है न चिंता …आदिवासी सिर्फ उनके लिए वोट है और शराब ठेकेदारों के शराब बेचने और करने का माध्यम है…