Devshayani Ekadashi 2023: भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है तुलसी, चढ़ाते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जल्द प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी

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Devshayani Ekadashi 2023: हिंदू धार्मिक मान्यताओं में एकादशी तिथि का काफी ज्यादा महत्व होता हैं। आपको बता दें कि देवशयनी एकादशी के दिन विश्व के पालनहारे भगवान श्री हरि विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते है अर्थात शयन करने चले जाते हैं। जिसके बाद सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती हैं। जब तक की देव पुनः शयन कर वापस न लौट आएं तब तक के लिए शादी ब्याह, मंगनी, जमाल उतारना, खरीददारी करना, विवाह के लिए पूछने जाना जैसे अनेकों कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता हैं। साथ ही देव के शयन की इस तिथि को देवशयवनी एकादशी तिथि कहते हैं। इसी के साथ आपको आषाढ़ माह की तिथि को देवशयनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी का व्रत 29 जून को रखा जाएगा। इस दिन तुलसी से संबंधित कुछ गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अन्यथा जीवनभर इसका पाप भोगना पड़ सकता हैं। क्या न करें जानें यहां।

तो इस कारण भगवान विष्‍णु को करना पड़ा था तुलसी से विवाह - why vishnu marry  to tulsi - Navbharat Times

1-तुलसी को नहीं चढ़ाएं जल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देवशयनी एकादशी तिथि को तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही हिंदू मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी निर्जला उपवास रखती है और तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का निवास माना जाता है। इसीलिए तुलसी के पौधे में जल नहीं अर्पित करना चाहिए वरना तुलसी माता का उपवास खंडित हो जाता है। देवशयनी एकादशी तिथि को इस बात का विशेष ध्यान रखें।

2-तुलसी को गंदे हाथों से न छुए

वहीं हिंदू सनातन धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र और पावन माना गया है। इसी के साथ पूजा-पाठ में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. तुलसी केवल एक पौधा नहीं है बल्कि देवतुल्य हैं। इसीलिए गंदे हाथों से तुलसी के पौधे को कभी नहीं छूना चाहिए। देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को गंदे हाथों से छूने पर भगवान श्रीहरि विष्णु नाराज हो जाते हैं।

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3- साफ-सफाई का रखें ध्यान

वहीं आपको बता दें कि सफाई ऐसी चीज है जिस पर हर दिन ध्यान देने की आवश्यकता होती है। लेकिन विशेषकर देवशयनी एकादशी को तुलसी के पौधे के आसपास गंदगी न रहने दें। सफाई का यहां पर पूरा ध्यान रखें। इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी चप्पल-जूते पहनकर तुलसी के पौधें के नजदीक न जाए। वरना मां महालक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

4-काले रंगों के वस्त्रों को धारण न करें

इसी के साथ देवशयनी एकादशी के दिन काले रंगों के वस्त्रों को पहनकर तुलसी माता के पौधे की पूजा न करें। पूजा के लिए पीले या लाल वस्त्रों का चुनाव करें। यदि काले कपड़े पहनकर तुलसी की पूजा की जाए तो घर में नकरात्मक ऊर्जा घर बना लेती है। इसीलिए काले वस्त्र पहनने से इस दिन कतराना चाहिए।

5- तोड़ें तुलसी के पत्ते

देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते भूलकर भी नहीं तोड़ें। तुलसी भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं। यही वजह है कि मां महालक्ष्मी भी उनको पूजती हैं। देवशयनी एकादशी वाले दिन तुलसी दल को नहीं तोड़ें। अगर आपको इनकी जरूरत है तो पहले ही पत्तियां तोड़कर रख लें।