देश के 72वे गणतंत्र दिवस पर देश राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुए हिंसक प्रदर्शन ने सभी के होश उड़ा कर रख दिए है किस प्रकार देश के किसानो ने अपने आंदोलन को इतने हिंसक रूप में बदल लिया। देश के किसान हमारे अन्नदाता जिन्होंने कल राष्ट्रीय ध्वज का भी सम्मान नहीं किया और नहीं देश की प्राचीन धरोहर का। दिल्ली में हुए इस हिंसक प्रदर्शन की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हो रही है जिनमे कई तो बहुत दर्दनाक है, जिसमे किस प्रकार किसानो ने हमलावर बन क्र सुरक्षा करने वाले पुलिस प्रशासन को भी अपना निशाना बना लिया। ऐसी ही एक महिला पोलिसकर्मी ऋतू की कहानी सामने आयी है, जिसने ये भयानक मंजर अपनी आँखों से देखा है।
राजधानी में हुए किसानो के हिंसक प्रदर्शन कि एक गवाह जिसने बताया कि जब वे हिंसा के वक्त लाल किले पर तैनात थीं, उन्होंने बताया कि वो माहोल काफी डरावना था, और इतना भंयकर था इसे उन्होंने अपनी आँखों से देखा था। बता दे कि दिल्ली में हुयी हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल रितु ने भी कल की हिंसा के बारे में बताया ‘जब तलवारों, पत्थरों, लाठियों और भालों के साथ किसानों की भारी भीड़ पहुंची, तब मैं लाल किले पर कल ड्यूटी पर थी.’ साथ ही उन्होंने बताया ‘जैसे ही भीड़ ने हमारी तरफ बढ़ना शुरू किया, तो एक ग्रिल मेरे पैर पर गिरी और एक मेरी साथी के पसलियों पर, इस समय हम हिल भी नहीं पा रहे थे.’ ये काफी डरावना मंजर था।
इस हिंसक आंदोलन के बाद देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने विरोध कर रहे किसान संगठनों के 37 नेताओं समेत कई लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।