नई दिल्ली। कोरोनाकाल में भी परीक्षा होने के आदेश पहले ही आ चुके है। जिसके चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं को लेकर लम्बे समय से छात्रों और प्रशासन के बीच तनातनी चल रही थी। वही जहा एक तरह जहा छात्रों का कहना था कि परीक्षाएं कराने से कोरोना फैलने का खतरा होगा। वही प्रशासन का कहना था कि परीक्षाएं कराना मजबूरी है। साथ ही सभी सुविधाओं के साथ छात्रों को परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। उन्हें कोई असुविधा नहीं होगी।
हालांकि यह मामला यही नहीं थमा। छात्रों ने सोशल मीडिया पर परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए कैंपेन चलाया। जिसके बाद यह मामला कोर्ट तक पंहुचा। जिसके बाद कोर्ट ने परीक्षाएं गाथिक करने की अनुमति मिली। जिसके चलते अब दिल्ली यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। जिसमे एंट्रेंस एग्जाम से लेकर के ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन की परीक्षाएं भी है। वही अलग- अलग राज्यों में सेंटर बनाये गए है।
बता दे कि दिल्ली में जहांगीरपुरी में स्थित सेंटर पर अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षाएं हुई। सेंटर में परीक्षा देने के बाद निकले छात्रों ने कहा कि अच्छी सुविधा दी गई थी। प्रशासन ने जो वादे किए थे, वह वादे पूरे किए। ना सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया बल्कि नए मास्क भी बांटे गए और थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई। अंदर आने से पहले सबका हाथ सेनीटाइज कराया गया।
छात्रों ने बताया कि, एक गज की दूरी बना करके रखने के लिए कहा गया। दूर-दूर बेंच लगाए गए ताकि छात्र एक दूसरे के करीब ना बैठे। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगली शिफ्ट में अपनी बारी का इंतजार कर रहे छात्र परीक्षा सेंटर के बाहर भीड़ लगा कर के बैठे रहे। इंतज़ार करने वालों में ना सिर्फ छात्र थे बल्कि परिजन भी शामिल थे।
वही उन्होंने बताया कि परीक्षा सेंटर की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी। जहां पर बैठकर के छात्र और उनके परिजन इंतजार कर सके। गौरतलब है कि जहा एक ओर प्रशासन पूरी कोशिश की कि कोरोना न फैले वहीं दूसरी तरफ जिस बात का डर छात्र जता रहे थे, वह भी होता हुआ दिखाई दिया।