दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर आज दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या सरकार के लिए इंसानी जीवन का कोई महत्व नहीं है? कोर्ट ने केंद्र सरकार से औद्योगिक इस्तेमाल के लिए दी जा रही ऑक्सीजन की सप्लाई को तुरंत रोकने को कहा है.
हाईकोर्ट ने कहा है कि स्थिति विकट है. अस्पतालों को तुरंत ऑक्सीजन दें. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है, ‘हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के हर हिस्से के लिए है.’ सुनवाई के दौरान केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई रास्ते में है और जल्द ही अस्पताल पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि मैक्स के एक अन्य अस्पताल में ऑक्सीजन की डिलीवरी हो गई है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो स्टील प्लांट और पेट्रोलियम प्लांट में उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन को तुरंत अपने अंतर्गत ले और उसे मेडिकल इस्तेमाल के लिए सप्लाई करे. हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह जहां ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और जहां उसका सप्लाई होनी है, वहां तक सरकार उसे भेजने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया कराए
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि अगर इंडस्ट्री को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है तो उसे तुरंत रोक दिया जाए. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अभी के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है. केंद्र सरकार हवाई जहाज के द्वारा ऑक्सीजन मुहैया कराए. हर एक मिनट बहुत जरूरी है. दिल्ली के कई अस्पतालों में मरीज केवल ऑक्सीजन पर ही हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आईनॉक्स जैसे स्थापित स्रोतों से ऑक्सीजन की आपूर्ति मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है. आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी केंद्र पर होती है. केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए परिवहन के तरीकों और साधनों पर विचार करना चाहिए, ताकि आपूर्ति लाइनें प्रभावित न हों चाहे एयर लिफ्टिंग से ही क्यों न आपूर्ति पूरी की जाए.